Delhi Yamuna Polluted Water: दिल्ली के यमुना नदी के प्रदूषण का मुद्दा शुरू से ही सियासत की भेंट चढ़ा है. इसको लेकर पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करती हैं, लेकिन अब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) ने इसकी तस्वीर बदलने के लिए खुद कमान संभाल ली है. बीते दिनों यमुना नदी का निरीक्षण करने के दौरान एलजी ने अधिकारियों को 11 किलोमीटर तक तटवर्ती क्षेत्रों के कायाकल्प करने का दिशा-निर्देश दिया है. एलजी ने इन क्षेत्रों में साफ सफाई के साथ-साथ सौंदर्यकरण को भी बढ़ावा देने का अधिकारियों को आदेश दिया है.


दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए एलजी विनय सक्सेना ने कहा, "यमुना नदी के 11 किमी तक के तटवर्ती क्षेत्रों के कायाकल्प के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं." साथ ही क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ, पेड़ पौधे, घास बांस, फूल लगाने, सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने और स्वच्छता अभियान जैसे फैसलों को जमीन पर उतारने को आवश्यक बताया है. यमुना की तस्वीर को बदलने के लिए अधिकारियों को जल्द से जल्द इन फैसलों के साथ आगे बढ़ना होगा और आने वाले समय में जलस्तर सामान्य करने की दिशा में अधिकारियों को गंभीरता से ध्यान देने का भी एलजी ने दिशा-निर्देश दिया है.


चुनाव में जोर-शोर से उठता है यमुना नदी का मुद्दा


दिल्ली नगर निगम चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक यमुना नदी का मुद्दा पार्टियों की ओर से जोर-शोर से उठाया जाता है. खासतौर पर चुनावी माहौल में सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष की ओर से प्रदूषण को लेकर जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन इसको लेकर पार्टियां अपनी जवाबदेही कभी तय नहीं करती. आने वाले समय में यमुना नदी का प्रदूषण और लगातार कम होता जलस्तर दिल्ली वालों के जीवन पर एक गंभीर संकट की तरह है. अब देखना होगा कि एलजी के दिशा-निर्देश पर दिल्ली की संजीवनी के तौर पर जानी जाने वाली यमुना नदी की तस्वीर बदलती है या नहीं.


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