LG ने CM को लिखा पत्र, 'कहा दिल्ली का दुनिया में सबसे प्रदूषित शहर होना अंतराष्ट्रीय शर्म की बात'
Arvind Kejriwal: दिल्ली के एलजी (Vinai Saxena) ने अपने पत्र में सीएम को लिखा है, "मुझे यकीन है कि आपकी सरकार के नौ साल का यह रिपोर्ट कार्ड वह नहीं है जिस पर आप को गर्व होगा."
Delhi News: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने लिखा है, "मैं आज आपका ध्यान परेशान करने वाली समस्या को लेकर लिख रहा हूं कि, "दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित शहर के रूप में चिन्हित किया गया है. राष्ट्रीय राजधानी फिर से सबसे खराब शहरों में सूची में शामिल हो गया है." यह अंतर राष्ट्रीय शर्म और सामूहिक चिंता का विषय है. "
साल 2022 में दिल्ली दुनिया की दूसरी सबसे प्रदूषित राजधानी होने और 2021 में फिर से दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी होने के साथ मुझे यकीन है कि आपकी सरकार के नौ साल का यह रिपोर्ट कार्ड वह नहीं है जिस पर आप को गर्व होगा. बहुचर्चित "दिल्ली मॉडल" धुंध में डूबा हुआ है."
In his letter to CM Arvind Kejriwal, Delhi LG VK Saxena writes "I am writing to draw your attention to the disturbing national headlines today - "Delhi-The World's Most Polluted - Foulest Capital Again." This dubious distinction is a matter of national shame and collective… https://t.co/ORyXvAXmHb
— ANI (@ANI) March 21, 2024
पत्र के जरिए एलजी ने किया इसका जिक्र
एलजी ने तीन नवंबर 2022 और 12 अक्टूबर 2023 को सीएम अरविंद केजरीवाल और पड़ोसी राज्यों की सरकारों के लिखे पत्र का जिक्र करते हुए लिखा है, ''मैंने, अपने पत्र में वायु प्रदूषण के मुद्दे को उठाया था, लेकिन इसको अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ. मैं, इसे आपको राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में शामिल होने से रोकने के लिए रेखांकित कर रहा हूं. जैसा कि आप कठिन सवालों का सामना करते समय करते रहे हैं.''
वाहनों से होने वाले प्रदूषण की ओर दिलाया ध्यान
सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 एक गंभीर तस्वीर पेश करती है. यह असामान्य रूप से उच्च पीएम 2.5 स्तरों को लेकर सवाल उठाता है. उन्होंने कहा कि दो-पांचवां हिस्सा वाहन उत्सर्जन के कारण होता है. सड़क की धूल, ओपन वर्निंग जैसे अन्य कारक भी हैं, जो हवा में उच्च कण पदार्थ में योगदान करते हैं. आप जानते हैं कि पीएम 2.5 मैटर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है. फेफड़ों की बीमारी और अस्थमा के दौरे पड़ते हैं. श्वसन संबंधी कई बीमारियां होती हैं.
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