Delhi Water Quality: दिल्ली में पानी की क्वालिटी पर एलजी ने उठाए सवाल, AAP ने किया पलटवार
Delhi Water News: एलजी ने सीएम केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि जलाशय की क्षमता 250 एमजीडी पानी रखने की है, जो सफाई नहीं होने से 93 फीसदी घटकर 16 मिलियन गैलन रह गई है.
Delhi LG vs CM: दिल्ली के उराज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच चल रही तनातनी एक बार फिर से उभरकर सामने आ गई है. जहां उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने वजीराबाद प्लांट में गंदगी और पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं, तो वहीं आप की तरफ से पानी के मुद्दे पर उपराज्यपाल द्वारा सियासत किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है.
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार केजरीवाल सरकार, हरियाणा से पानी की आपूर्ति में कमी का बहाना बना रही है. जबकि वास्तविकता में पानी की कमी की समस्या इसलिए उठ खड़ी हो गई कि यमुना में सफाई नहीं हो रही है. इसे लेकर उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को चिट्ठी लिख कर कहा है कि जलाशय की क्षमता 250 मिलियन गैलन पानी रखने की है, जो सफाई नहीं होने की वजह से 93 फीसदी घट कर 16 मिलियन गैलन रह गई है.
उपराज्यपाल ने किया प्लांट का दौरा
बता दें कि गुरुवार यानी 10 मार्च को उपराज्यपाल के साथ मुख्य सचिव नरेश कुमार और जल बोर्ड के अधिकारियों ने वजीराबाद प्लांट का दौरा किया था. जहां सफाई को लेकर बरती जा रही लापरवाही और दिल्ली सरकार की उदासीनता को लेकर उपराज्यपाल ने नाराजगी जाहिर की थी.
लोगों की जिदंगी से हो रहा खिलवाड़
एलजी वीके सक्सेना ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा कि "क्या दूषित पानी की आपूर्ति कर दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है? क्या सफाई की कमी की वजह से पानी की क्षमता का घटना बड़ा नुकसान नहीं है? साथ ही उन्होंने, जंग लगी पाइपलाइनों और उनमें जमा गंदगियों, शराब की बोतलों और अन्य गाद-कचड़ों पर भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है.
आप का पलटवार
वहीं, आप के नवनियुक्त जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उराज्यपाल से इस पर सियासत ना करते हुए हरियाणा में यमुना में अवैध रेत खनन का संज्ञान लेने को कहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में अवैध रेत खनन की वजह से यमुना के पानी की दिल्ली की ओर आपूर्ति बाधित हो रही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की हरियाणा औद्योगिक अपशिष्ट जल को दिल्ली की तरफ छोड़ा जा रहा है. उन्होंने खेद जताते हुए कहा की यह बेहद दुखद है कि उपराज्यपाल पानी की आपूर्ति के संवेदनशील मुद्दों और भी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने उपराज्यपाल को हरियाणा में अवैध रेत खनन ब्लॉकों के संयुक्त निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया.
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