Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार (18 अगस्त) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में भीषण बाढ़ का कारण बनने वाले कारकों का उल्लेख किया. उन्होंने भविष्य में ऐसी स्थिति बनने से रोकने के लिए कई उपाय सुझाए. उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में यमुना के 44 किलोमीटर में से वजीराबाद से ओखला तक 22 किलोमीटर के हिस्से में नदी के अंदर 18 प्रमुख रुकावटें हैं, जिसके परिणामस्वरूप जल प्रवाह बाधित होता है.


पत्र में कहा गया, ‘‘सरकार की ओर से हुई चूक में वजीराबाद बैराज पर पानी छोड़े जाने की गणना करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की पुरानी और त्रुटिपूर्ण ‘स्तर-आधारित डिस्चार्ज कंप्यूटिंग तालिका’ और निर्माण एवं विध्वंस (सी एंड डी) और पुल निर्माण स्थलों से अन्य कचरे को साफ नहीं करने के सरकारी विभागों की गैर-पेशेवर रुख शामिल है, जिससे यमुना का मुक्त प्रवाह बाधित होता है.’’


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विनय सक्सेना ने पिछले कई वर्षों में यमुना में भारी मात्रा में गाद जमा होने का भी जिक्र किया है, जो दिल्ली में बाढ़ का एक कारण बनी. उन्होंने लिखा, ‘‘नजफगढ़ नाला, जो शहर से अधिकतम प्रवाह को यमुना में लाता है, 108 लाख मीट्रिक टन गाद और कचरे से भरा हुआ है. यह 57 किलोमीटर लंबे इस हिस्से की जल धारण/वहन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.’’


उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसा एक भी विभाग या एजेंसी नहीं है जिसके पास यमुना की देखरेख का जिम्मा हो, खासकर बाढ़ के दौरान. भविष्य में राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ को रोकने के उपायों का उल्लेख करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यमुना नदी की मुक्त धारा सुनिश्चित करने के लिए किसी एक विभाग को जिम्मा सौंपा जाना चाहिए.


उपराज्यपाल द्वारा सुझाए गए अन्य उपायों में यमुना, नजफगढ़ नाले से गाद निकालना, शहर का जल निकासी मास्टर प्लान बनाना और यमुना बाजार तथा अन्य निचले इलाकों के लिए उन्नत बाढ़ प्रबंधन योजना शामिल है.