Delhi News: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) को लेकर सियासी माथापच्ची सियासी दलों के बीच जारी है. इस बीच खबर यह है कि कांग्रेस (Congress) सीडब्लूसी की हैदराबाद बैठक में कुछ नेताओं ने आप (AAP) के साथ गठबंधन का विरोध किया है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी नेताओं ने कहा है कि अगर करना संभव नहीं है तो कम से कम नवंबर तक सीट बंटवारे पर चर्चा को टाल दिया जाए.
दरअसल, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन करने का विश्वास जताते हुए ‘इंडिया’ (I.N.D.I.A.) गठबंधन के सहयोगियों के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत नवंबर तक टालने का आग्रह किया है. ताकि तब तक पार्टी की स्थिति और मजबूत हो जाए.
सीट बंटवारे पर जल्दबाजी ठीक नहीं
आप (AAP) से गठबंधन का विरोध उन राज्यों के कुछ नेताओं ने की है, जहां कांग्रेस का सीधे 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' के सहयोगी दलों के साथ मुकाबला है. यह अपील ऐसे वक्त में की गई है, जब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने विपक्षी गठबंधन के साथ साथ कांग्रेस को भी मजबूत करने पर जोर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक के दौरान कांग्रेस संगठन तथा विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत करने की अपील का समर्थन किया, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को अपनी जैसी विचारधारा वाले दलों के साथ सीट बंटवारे की व्यवस्था करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
कांग्रेस की कीमत पर न हो गठबंधन
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने हैदराबाद में आयोजित दो दिवसीय बैठक के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत करने का आह्वान पार्टी के नेताओं से किया. जबकि राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तथा विपक्षी गठबंधन दोनों को मजबूत किया जाना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि कई नेताओं ने कहा कि यह कांग्रेस की स्थिति की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए.
वेट एंड वाच पर जोर
हैदराबाद बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, सीडब्लूसी मेंबर अल्का लांबा और पंजाब कांग्रेस के कद्दावरनेता प्रताप सिंह बाजवा समेत दिल्ली और पंजाब के कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध किया. सूत्रों ने बताया कि माकन ने नेतृत्व से कहा कि वे ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस को सीट बंटवारे की बातचीत में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और इन पांच राज्यों के नतीजे आने तक इंतजार करना चाहिए.
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