Delhi News: एक बार फिर लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर अभी से सियासी दलों के बीच सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर निकाल फेंकने के लिए विपक्षी दलों के नेता एकजुट होने की कवायद में जुटे हैं. लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक भी हुई थी, ताकि बीजेपी (BJP) को सियासी मात देने के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर नीतिगत मसले तय हो जाएं, लेकिन लक्ष्य के अनुरूप पटना सम्मेलन को सफलता नहीं मिली. अध्यादेश के मसले पर आप नेताओं ने कांग्रेस (Congress) से अपना स्टैंड साफ करने को कहा. सीएम अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व वाली आप (AAP) के इस जिद की वजह से विपक्षी दलों का सम्मेलन फुस्स साबित हुआ. ये बात अलग है कि अलग-अलग सियासी राग होने के बाद भी विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है.
बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद टाइम्स नाउ नवभारत जन गण का मन के सर्वे में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. आज चुनाव हुए तो किसको कितना मिलेगा वोट प्रतिशत नाम से कराए गए सर्वे रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर पटना मीट का असर लोकसभा चुनाव 2024 पर कोई असर होता दिखाई नहीं देता. इसके उलट पहले की तरह दिल्ली की सभी सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी जीत हासिल कर सकते नजर आ रहे हैं.
सर्वे में बीजेपी के साथ 48 प्रतिशत मतदाता
दिल्ली की सात सीटों पर पूर्व लोकसभा चुनाव 2024 सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय जनता पार्टी को लगभग 48 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलेंगे. दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी को समर्थन मिलने की उम्मीद है. आप को लोकसभा चुनाव 2024 में 32 फीसदी मतदाता समर्थन कर सकते हैं, लेकिन इसका लाभ जीत के रूप में मिलने की उम्मीद कम है. सर्वे में दिल्ली कांग्रेस को 15 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिलता नजर आ रहा है. पार्टी कहीं से भी सीटें निकालने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रही है. सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक इस बार भी बीजेपी छह या सभी सातों सीटों पर चुनाव जीतने की स्थिति में है. सर्वे में दिल्ली के मतदाताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के प्रति अपना स्पष्ट रझान दिखाया है.
अगर चुनाव सर्वेक्षण रिपोर्ट की तुलना दिल्ली लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 से करें तो बीजेपी को विगत लोकसभा चुनाव में अकेले 56.9 प्रतिशत मत मिल थी. इसके दम पर बीजपी सभी सात सीटें लोकसभा चुनाव 2014 की तरह जीतने में कामयाब हुई थी. साल 2019 में कांग्रेस को राजधानी में 22.5 फीसदी लोगों का मत मिले थे. तीसरे नंबर पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी रही थी, जिसे सबसे कम यानि 18.1 प्रतिशत मतदाताओं का ही समर्थन मिला था. जबकि विगत लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक सीट से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को 62.78 प्रतिशत, उत्तर दिल्ली मनोज तिवारी को सबसे ज्यादा 63.86 प्रतिशत, पूर्वी दिल्ली सीट से गौतम गंभीर को 61.7 प्रतिशत, नई दिल्ली से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी को 56.91 प्रतिशत, उत्तर पश्चिम दिल्ली हंसराज हंस को 58.97 प्रतिशत, पश्चिम दिल्ली प्रवेश साहिब सिंह वर्मा को 60.82 प्रतिशत, दक्षिण दिल्ली से रमेश बिधूड़ी को 58.75 प्रतिशत मतदाताओं ने पक्ष में वोट डाले थे. अगर ताजा सर्वे को सही मान लें तो आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली में बीजेपी के समर्थकों की संख्या में कमी के संकेत हैं, लेकिन ये कमी इतनी भी नहीं है कि परिणाम बीजेपी के उलट हो जाए. सर्वे के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनाव परिणाम लगभग बीजेपी के पक्ष में पहले वाले ही रहेंगे. यह हालत उस सयम है जब विधानसभा चुनाव 2020 में आप के 70 विधानसभा सीटों में 62 पर जीत हासिल करने में सफल हुई थी.
परिणाम यही आए तो पहली बार बनेगा ये रिकॉर्ड
बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के बाद साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी दिल्ली की सभी सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. साल 2019 में भी बीजेपी की लोकप्रियता दिल्ली के बरकरार रही और राजधानी के मतदाताओं ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के नाम पर बीजेपी के सभी प्रत्याशियों को जिताकर संसद में भेज दिया था. साल 2014 में संपन्न चुनाव में बीजेपी के मनोज तिवारी, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश वर्मा, डॉ. हर्षवर्धन, महेश गिरी और उदित राज चुनाव जीतने में सफल हुए थे. साल 2019 में बीजेपी नेतृत्व में महेश गिरी और उदित राज को दोबारा मैदान में नहीं उतारा. उनकी जगह क्रिकेटर गौतम गंभीर और गायक हंसराज हंस को टिकट दिया. दोनों सीटों पर प्रत्याशी बदलने का लाभ बीजेपी को मिला था. अब लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी सभी सातों सीटों पर जीत का हैट्रिक बना सकती है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी हैट्रिक का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब होगी.
यह भी पढ़ें: Delhi News: धार्मिक स्थलों के तोड़े जाने पर भड़के आप नेता सौरभ भारद्वाज, LG को पत्र लिख लगाई गुहार