Lok Sabha Elections 2024: Delhi की 7 सीटों पर BJP ने मांगे सांसदों के रिपोर्ट कार्ड, इस आधार पर होगा तय किसे मिलेगा टिकट
Delhi Politics: केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी ने विशेष जनसंपर्क अभियान चलाया था. सभी सांसदों को इस दौरान सक्रिय रहने को कहा गया था, लेकिन कुछ ने इसमें रुचि नहीं दिखाई.
Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 होने में अब केवल आठ माह का समय रह गया है. इसका असर अब दिल्ली के सियासी माहौल पर भी देखा जा रहा है. साल 2014 और 2019 की तरह बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव भी दिल्ली में सभी सीटों पर जीतना चाहती है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी रणनीति बनाने में जुट गई है. इस योजना के तहत बीजेपी नेतृत्व ने अपने सांसदों से लोगों के बीच जाने और केंद्र सरकार द्वारा किए र्काों की जानकारी देने को कहा है. साथ ही जनता से जुड़ने रहने को भी कहा है.
दूसरी तरफ बीजेपी ने सातों लोकसभा सीटों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के लिए सांसदों से कुछ जानकारी देने कहा था. जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट बनकर तैयार हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बाद बीजेपी चुनाव लड़ने के लिए नए लोगों को भी मौका दे सकती है. यानी इस बार कुछ सांसदों का पत्ता कटना तय है. टिकट उन्हीं का कटेगा जिन सांसदों का रिपोर्ट कार्ड खराब होगा. फिलहाल, किसका रिपोर्ट कार्ड कैसा है, इस बात का खुलासा पार्टी ने नहीं की है. बताया जा रहा है कि कुछ सांसदों का रिपोर्ट कार्ड अच्छा नहीं है, वहीं किसी का पार्टी के नेताओं के साथ तालमेल भी बेहतर नहीं है. जिस वजह से शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली को फिर से जीतने के लिए अभी से ही प्रत्याशियों के नाम को लेकर मंथन करना शुरू कर दिया है, जिससे वर्तमान सांसदों में हड़कंप भी मच गया है.
इन सासंदों के लिए संकेत शुभ नहीं
बीजेपी ने मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 30 मई से 30 जून तक देशभर में एक विशेष जनसंपर्क अभियान चलाया था, जिसमें पार्टी के सभी सांसदों को जुटने का निर्देश दिया गया था. इस अभियान के दौरान पार्टी के कई सांसदों ने कार्यक्रम में पूरे मन से भाग नहीं लिया. इस कारण जेपी नड्डा ने वर्चुअल बैठक में और पीएम मोदी ने पार्टी संसदीय दल की बैठक में ऐसे सांसदों को फटकार भी लगाई थी. कुछ सांसद अपने क्षेत्र में लोगों को नहीं जुटा पाए. वर्तमान में दिल्ली में प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, रमेश बिधूड़ी, मनोज तिवारी, गौतम गंभीर, डॉ. हर्षवर्धन, मीनाक्षी लेखी और हंसराज हंस सांसद हैं. साल 2019 में उदित राज और महेश गिरि का पत्ता काटकर बीजेपी ने हंसराज हंस और गौतम गंभीर को पहली बार टिकट दिया था. इसके बावजूद दोनों चुनावी जीत हासिल करने में सफल रहे. इस बात भी बीजेपी नेतृत्व उन सांसदों के नाम काट कर नए नेताओं को चुनाव लड़ने का मौका दे सकती हैं, जिनके रिकॉर्ड पार्टी की नजरों में अच्छे नहीं हैं. जानकारी के मुताबिक दिल्ली में पार्टी अपने एक पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री के परिवार के किसी सदस्य को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. वहीं दिल्ली के एक सांसद को पार्टी दूसरे राज्य से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है, जबकि दो अन्य सांसदों के टिकट काटने की भी तैयारी चल रही है.
जिताउ उम्मीदवार को टिकट देने पर जोर
बीजेपी सूत्रों की मानें तो दिल्ली की सात लोकसभा सीट में से तीन पर सांसदों के रिपोर्ट कार्ड अच्छे नहीं हैं, इसलिए बीजेपी वर्तमान सांसदों में से तीन की जगह नए चेहरों को मौका दे सकती है. कहा जा रहा है कि पिछले चुनाव में जीत हांसिल करने वाले सांसदों के निजी हैसियत से ज्यादा पीएम मोदी की लोकप्रियता के कारण उन्हें जीत हांसिल हुई थी और इस बार भी बीजेपी उसी के सहारे फिर से दिल्ली जीतने की योजना बना रही है. इस बार बीजेपी उन नेताओं को टिकट देगी, जिनकी पब्लिक में ईमेज अच्छी हो. जो चुनाव कैंपेन में भीड़ जुटा सकें. जिन्होंने सांसद रहते हुए बेहतर काम किए हैं. जिनकी छवि पार्टी की रिपोर्ट कार्ड में अच्छी है.
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