Delhi BJP Candidate List: केंद्र में नई सरकार के गठन को लेकर सियासी दलों के बीच उठा पटक जारी है. इस बीच आम आदमी पार्टी की ओर से चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने के बाद बीजेपी ने भी दिल्ली की सात सीटों में से पांच सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर दिया है. जिन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, उनमें नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट शामिल हैं. बीजेपी ने पांच में से चार नए चेहरे इस बार लोकसभा चुनाव में उतारे हैं. रमेश बिधूड़ी और मीनाक्षी लेखी जैसे वरिष्ठ नेताओं तक के टिकट काट दिए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि बाकी दो में भी एक नया चेहरा उतारे की संभावना है.
दिल्ली की पांच घोषित सीटों में से चार पर नये उम्मीदवार उतारने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर है कि आखिर इन सांसदों का टिकट क्यों कटा? टिकट नहीं देने की वजह का खुलासा अभी तक नहीं हुई है. यही वजह है कि लोग इसको लेकर चर्चा सबसे ज्यादा कर रहे हैं. चर्चा होना भी स्वाभाविक है. मीनाक्षी लेखी, रेमश बिधूड़ी, डॉ. हषवर्धन और प्रवेश वर्मा दिल्ली में बीजेपी के बड़े नाम हैं.
टिकट कटने की ये है बड़ी वजह
- दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में पांच घोषित प्रत्याशी में चार पर नये उम्मीदवार नाम सामने आने के पीछे कई कारण जिम्मेदार माने गए हैं.
- सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व रमेश बिधूड़ी और प्रवेश सिंह वर्मा जैसे बड़बोले लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि उनके बयानों से पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचा है.
- दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की 100 प्रतिशत की स्ट्राइक रेट को बनाए रखने की सियासी रणनीति है. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने इस बार 400 का लक्ष्य रखा है. इसलिए, पार्टी भूल से भी गलती नहीं करना चाहती.
- इसके अलावा, बीजेपी इस बार सत्ता विरोधी लहर से भी बचना चाहती है.
- जिन चार सीटों पर नये प्रत्याशी उतारे गए हैं है कि वहां पार्टी AAP-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवारी को लेकर ज्यादा गंभीर है. रमेश बिधूड़ी 2014 से दक्षिणी दिल्ली सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उनका एक बयान विवाद का विषया बना था. वहीं प्रवेश वर्मा लगातार तीन लोकसभा चुनाव यानी 2009, 2014 और 2019 दिल्ली से लोकसभा सांसद चुने जाते रहे हैं.
- सूत्रों के मुताबिक मौजूदा सांसदों पर नमो ऐप पर प्राप्त फीडबैक और दिल्ली इकाई ने बदलाव की मांग की थी. फीडबैक टिकट कटने के पीछे मेन फैक्टर साबित हुई.
- फीडबैक में युवा मतदातों ने बंसुरी स्वराज जैसे फेस को प्रत्याशी बनाने को लेकर अपनी पसंद जाहिर की थी.
बता दें कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने 400 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके मद्देनजर बीजेपी ज्यादातर सीटों पर साफ-सुथरी छवि और नए नामों के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहती है. रामवीर सिंह बिधूड़ी (दक्षिणी दिल्ली), प्रवीण खंडेलवाल (चांदनी चौक), कमलजीत सहरावत (वेस्ट दिल्ली) और बांसुरी स्वराज (नई दिल्ली) इन्हीं मानदंडों के तहत टिकट दिया गया है. दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं के बीच उनके प्रभाव को देखते हुए मनोज तिवारी को (उत्तर पूर्वी दिल्ली) सीट से फिर से प्रत्याशी बनाया गया है.
2019 में किसे मिले कितने वोट
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दिल्ली में 22.50% वोट मिले थे. जबकि AAP का वोट शेयर 18.10% रहा था। बीजेपी को अकेले 56.9 प्रतिशत मत मिला था. मतदाताओं के समर्थन के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस सात में छह सीटों पर लोगों की दूसरी नंबर पसंद साबित हुई. आम आदमी पार्टी सत्ताधारी पार्टी होते हुए भी लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी रही. आम आदमी पार्टी दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर दूसरे नंबर की पार्टी थी. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को दिल्ली की सातों सीटों पर कुल डाले गए मतों में 49,08,541 मत मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 19,53,900 मतदाताओं का समर्थन मिला था. आम आदमी पार्टी को 15,71,687 मत मिले थे.