Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने आबकारी, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग में हालिया ‘उल्लंघन और प्रक्रियागत चूक’ का जिक्र करते हुए कर्मचारियों के खिलाफ ‘‘अनुकरणीय कार्रवाई’’ किये जाने की चेतावनी दी है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सक्सेना ने मंगलवार को सतर्कता निदेशालय (डीओवी) के कामकाज की समीक्षा की थी. उन्होंने निदेशालय और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा जांच में अत्यधिक देरी किये जाने के उदाहरण दिये थे.


उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विभागों के कामकाज की नियमित आधार पर ‘ऑडिट’ की जानी चाहिए. उपराज्यपाल ने सतर्कता विभाग को भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी जांच एजेंसियों के भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम, 1988 की धारा 17 (ए) और धारा (19) के तहत किए गए अनुरोधों पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने का निर्देश दिया.


किसी अधिकारी का निलंबन अनंतकाल तक नहीं हो सकता- LG
एक अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल ने रेखांकित किया कि जांच लंबित रहने तक किसी अधिकारी का निलंबन अनंतकाल तक नहीं हो सकता और डीओवी को निलंबन के सभी मामलों में गुणदोष के आधार पर एक महीने के अंदर समीक्षा करने का निर्देश दिया.


एसीबी और डीओवी द्वारा जांच में अत्यधिक देरी किये जाने का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि इस तरह की देरी न्याय के उद्देश्य को नुकसान पहुंचाती है. उपराज्यपाल ने ऐसे सभी मामलों की एक महीने के भीतर समीक्षा करने के लिए कहा.


ऑनलाइन शिकायत के लिये एक तंत्र बनाने का भी निर्देश
अधिकारी ने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने ऑनलाइन शिकायत के लिये एक तंत्र बनाने का भी निर्देश दिया. उनके मुताबिक, इन शिकायतों का सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए कार्रवाई और निस्तारण होना चाहिए.


अधिकारियों ने कहा कि सचिव, सतर्कता द्वारा दी गई प्रस्तुति का अध्ययन करने के बाद उन्होंने विभाग के कामकाज में दक्षता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत और सख्त निर्देश जारी किए.


कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की सिफारिश
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आबकारी, शिक्षा और लोक निर्माण विभागों आदि में हाल में सामने आए विभिन्न उल्लंघनों और प्रक्रियागत चूकों को ध्यान में रखते हुए उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से कहा कि वे निविदा/खरीद/माल और सेवाओं से संबंधित नियमों/विनियमों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक कार्यालयी ज्ञापन जारी करें. साथ ही, सभी कर्मचारियों को आगाह करें कि इनमें से कोई भी उल्लंघन प्रासंगिक नियमों के तहत अनुकरणीय कार्रवाई की वजह बनेगा.’’


उल्लेखनीय है कि सक्सेना ने हाल ही में दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.


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