Delhi: याचिकाकर्ता ने फर्जी कोर्ट का आदेश बनाकर किया 23.50 लाख का दावा, MACT ने पुलिस को दिया FIR का निर्देश
MACT: मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने कहा कि याचिकाकर्ता पूजा की ओर से एक अन्य मामले में याचिकाकर्ता को दिए गए मुआवजे का गलत तरीके से दावा करने का प्रयास एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है.
![Delhi: याचिकाकर्ता ने फर्जी कोर्ट का आदेश बनाकर किया 23.50 लाख का दावा, MACT ने पुलिस को दिया FIR का निर्देश MACT Instruction To Delhi Police to register FIR against petitioner for Fake Court Order Delhi: याचिकाकर्ता ने फर्जी कोर्ट का आदेश बनाकर किया 23.50 लाख का दावा, MACT ने पुलिस को दिया FIR का निर्देश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/11/cf4adf14ff97d0aefd9b8d148fe8b35c1678557366250367_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
MACT Instruction To Delhi Police: मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को निर्देश दिया है कि मुआवजे के रूप में 23.50 लाख रुपये का दावा करने के लिए फर्जी अदालत के आदेश को रिकॉर्ड पर रखने के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच और प्राथमिकी दर्ज की जाए. ट्रिब्यूनल की पीठासीन अधिकारी एकता गौबा मान ने कहा कि याचिकाकर्ता पूजा की ओर से एक अन्य मामले में याचिकाकर्ता को दिए गए मुआवजे का गलत तरीके से दावा करने का प्रयास एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है.
न्यायाधीश ने कहा कि पूजा ने पुष्पा रजवार बनाम नवाब अली के स्थान पर पूजा बनाम राज्य और अन्य का उल्लेख कर, इस न्यायालय के नाम के स्थान पर न्यायालय का गलत नाम अंकित कर इस न्यायालय का फर्जी आदेश तैयार किया है. न्यायाधीश ने कहा, यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है, क्योंकि अदालत मुआवजे के फैसले से निपट रही है. वर्तमान आवेदन को स्थानांतरित करके, पूजा, कथित फर्जी आदेश के आधार पर, 23.50 लाख रुपये का मुआवजा प्राप्त करने का प्रयास कर रही है, यानी मुआवजा राशि जो पुष्पा राजवार बनाम नवाब अली नामक मामले में याचिकाकर्ता/पीड़ित को दिया गया था.
प्रशांत विहार थाने के अधिकारी को दिया गया ये निर्देश
एमएसीटी ने कहा कि प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि वह जांच करें और फिर प्राथमिकी दर्ज करें कि कैसे इस अदालत के नाम पर आदेश की नकली प्रति आवेदक पूजा द्वारा गलत तरीके से मुआवजे की राशि का दावा करने के लिए दर्ज की गई है, जो एमएसीटी मामले पुष्पा रजवार बनाम नवाब अली के वास्तविक पीड़ितों को दी गई है.
14 मार्च को एसएचओ की रिपोर्ट मिलने के बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया है. पूजा के वकील ने अदालत से कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पूजा ने इस अदालत का कोई फर्जी आदेश तैयार किया है. उन्होंने अपना वकालतनामा वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने अनुमति दे दी.
ये भी पढ़ें- Delhi Murder: दिल्ली के त्रिलोकपुरी में युवक की हत्या, आरोपियों ने घर के सामने ही चाकू से किए कई वार
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)