Purvanchal Neta: दिल्ली के पूर्वांचली नेताओं में मधुबनी का दबदबा, जानें- इस बार किसका बिगाड़ेंगे सियासी खेल?
Purvanchal Neta Madhubani: दिल्ली का सियासी मिजाज और वोटिंग पैटर्न दूसरे राज्यों से अलग हैं. यहां के इतिहास में पूर्वांचली मतदाताओं का लाभ कांग्रेस और पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी ने उठाया है.

Purvanchal Ke Neta: देश की राजधानी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. उससे पहले आप, बीजेपी और कांग्रेस के नेता सत्ता पर काबिज होने के लिए दिल्ली में रहने वाले अलग-अलग समुदायों के मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं. दिल्ली में जाट, बनिया, गुर्जर, पंजाबी वोटर्स परंपरागत मतदाता माने जाते हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी की डेमोग्राफिक (जननांकीय) और सियासी तस्वीर पिछले कुछ दशकों में पूरी तरह से बदल गया है.
बदले माहौल में प्रवासी खासकर (पूर्वांचल) के मतदाताओं की संख्या यहां पर सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि पिछले तीन से चार दशक के दौरान दिल्ली में कई पूर्वांचली नेता उभरे और यहां की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई.
पूर्वांचल के लीडर्स में लाल बिहारी तिवारी, महाबल मिश्रा, कीर्ति झा आजाद, मनोज तिवारी, अनिल झा, अभय वर्मा, दुर्गेश पाठक जैसे नाम काफी लोकप्रिय हैं. यही वजह है कि दिल्ली का सियासी मिजाज और वोटिंग पैटर्न देश के दूसरे राज्यों से अलग हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे ज्यादा पूर्वांचली मतदाताओं का लाभ कांग्रेस और पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी ने उठाया है. बीजेपी अभी तक पूर्वांचल के मतदाताओं का लाभ पूरी तरह से नहीं उठा पाई है. इस बार बीजेपी आम आदमी पार्टी को इस मामले में भी पीछे छोड़ने की है.
दरअसल, रोजगार, शिक्षा, कारोबार सहित सामाजिक और राजनीतिक कारणों से पूर्वांचली, पंजाबी, उत्तराखंडी, हरियाणा, वेस्ट यूपी, मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड, बंगाली और दक्षिण भारत के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली में रहना पसंद करते हैं. अहम यह है कि अलग-अलग प्रवासी समुदाय एक ही इलाके में रहना भी पसंद करते हैं. इनकी अलग-अलग पहचान को देखते हुए सियासी दल अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं.
मधुबनी वाले सबसे आगे कैसे?
राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले चर्चित पूर्वांचली लीडर्स में किराड़ी से अनिल झा बीजेपी मधुबनी बिहार, द्वारका से महाबल मिश्रा कांग्रेस मधुबनी बिहार (अब आप में), द्वारका से विनय मिश्रा आप मधुबनी बिहार, बुराड़ी से संजीव झा आप मधुबनी बिहार, जनकपुरी से राजेश ऋषि आप बिहार, लक्ष्मी नगर से अभय वर्मा बीजेपी दरभंगा बिहार, राजेंद्र नगर से दुर्गेश पाठक आप संत कबीर नगर यूपी, मॉडल टाउन से अखिलेशपति त्रिपाठी आप संत कबीर नगर यूपी, कपिल मिश्रा करावल नगर दिल्ली बीजेपी यूपी, घोंडा से लाल बिहारी तिवारी बीजेपी प्रतापगढ़ यूपी और द्वारका से आदर्श शास्त्री आप वाराणसी यूपी के नाम शामिल हैं.
इन इलाकों से अभी तक नहीं चुने गए विधायक
दिल्ली के पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार, जनकपुरी, पटपड़गंज, बादली, करावल नगर, रिठाला और छतरपुर इलाके में भी अन्य इलाकों की तरह काफी संख्या में बिहार मतदाता रहते है, लेकिन इन इलाकों से अभी तक पूर्वांचल के नेता विधायक नहीं चुने गए हैं.
दिल्ली में 70 फीसदी प्रवासी वोटर
दिल्ली में पूर्वांचली, पंजाबी, उत्तराखंडी, हरियाणा, वेस्ट यूपी, मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड और दक्षिण भारत के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, जो राजधानी की 70 में से 55 से ज्यादा सीटों को प्रभावित करते हैं. यही वजह है कि दिल्ली चुनाव में सियासी दल दूसरे राज्यों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को अपने पक्ष में करने का दांव चल रहे हैं.
दिल्ली में करीब 70 प्रतिशत मतदाता प्रवासी हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों से आकर बस गए हैं या अस्थायी रूप से यहीं रहते हैं. इनमें पूर्वांचल के मतदाताओं का दबदबा सबसे ज्यादा है. दिल्ली के ये मतदाता किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. दिल्ली में करीब 20 प्रतिशत पंजाबी भी हैं. इनमें 4 प्रतिशत सिख मतदाता भी शामिल हैं.
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