MP News: सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर कॉलेज के प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, लाइब्रेरी में विवादित किताब रखने का है आरोप
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर के कॉलेज लाइब्रेरी विवादित किताब रखने के मामले में प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लगाई रोक लगा दी है. इस संबंध में एबीवीपी के छात्र नेता ने शिकायत दर्ज करवाई थी.
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Madhya Pradesh: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को इंदौर (Indore) में कॉलेज के लाइब्रेरी में एक विवादित किताब रखने के मामले में कॉलेज प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इस मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर रहमान ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया. 'सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति' (Collective Violence and Criminal Justice System) नामक पुस्तक को राजकीय नवीन लॉ कॉलेज (New Government Law College) के पुस्तकालय में रखा गया था, जिसके बाद इसको लेकर विवाद हुआ था.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा कि आदेश लंबित होने तक, प्राथमिकी के संबंध में याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी. इस मामले में पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ अन्य को भी नोटिस जारी किया.
एबीवीपी के छात्र नेता ने शिकायत दर्ज करवा कर लगाये हैं आरोप
इस महीने की शुरूआत में, कॉलेज के एक एलएलएम छात्र और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता लकी आदिवाल उम्र 28 साल ने विवादास्पद पुस्तक के लेखक, इसके प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन और कॉलेज के प्रिंसिपल रहमान और प्रोफेसर मिर्जा मोजीज बेग के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें छात्र के जरिये दावा किया गया है कि कानून के छात्रों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदू समुदाय और आरएसएस के खिलाफ विवादित सामग्री है.
कॉलेज प्रिंसिपल विवादित किताब को लेकर ये कहा
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक विवादास्पद किताब को लेकर से चर्चा में डॉ. इनामुर्रहमान ने कहा कि ‘किताब 2011-12 की है. 2014 में शासकीय लॉ कॉलेज ने किताब खरीदी थी. मेरे कार्यकाल में किताब किसी को जारी नहीं हुई है. न तो किसी प्रोफेसर ने और न ही किसी स्टूडेंट ने ये किताब जारी करवाई है. उन्होंने कहा कि ये किताब बुक बैंक के तहत एससी-एसटी बच्चों को फ्री दी जाती है. हर पन्ना तो कोई पढ़ता नहीं है. कुछ आपत्तिजनक और निंदनीय बयान लिखे हुए हैं. जो लिखा गया वो गलत है. अब जो बुक सेलर है और जिन्होंने बुक मंगवाई उनकी नजर नहीं पड़ी, ये तो वो बताएं.
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