Delhi Crime: साल 2005 में एक महिला पर तेजाब फेंकने के आरोप में सात साल के लिए दोषी ठहराए ठहराए गए व्यक्ति को उसी महिला का कथित तौर पर रेप करने के आरोप में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया. महिला का पिछले साल दिसंबर में उसी के घर पर रेप हुआ था. 43 वर्षीय आरोपी व्यक्ति को दिल्ली की बाहरी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपी की पहचान कानपुर निवासी कपिल गुप्ता उर्फ आशीष के रूप में हुई है, जो बलात्कार के मामले में पिछले दो महीनों से फरार था. आरोपी को दबोचने के लिए पुलिश को 2,200 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा.


बलात्कार करने वाला महिला का देवर
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके देवर ने 13 दिसंबर 2021 को उसके पति और बच्चों पर तेजाब से हमला करने की धमकी देकर दिल्ली में उसके घर पर उसके साथ बलात्कार किया. उसने पूरे सीन की रिकॉर्डिंग की और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी. पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि व्यक्ति ने उसे ब्लैकमेल कर उसके साथ फिर से बलात्कार किया. सुल्तान पुरी थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया.


महिला पर 17 साल पहले किया था तेजाब से हमला
2005 में कानपुर में महिला पर तेजाब फेंकने के आरोप में शख्स को सात साल के लिए जेल भेज दिया गया था, लेकिन सजा पूरी करने के बाद उसने कानपुर में अपने परिचितों से पूछकर दिल्ली में महिला का पता ठिकाना खोज लिया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया.


आरोपी का पता लगाने के लिए पुलिस ने गठित की विशेष टीम
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) समीर शर्मा ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा, "महिला के साथ बलात्कार करने के बाद वह शख्स फरार हो गया. महिला पुरुष की धमकियों से डर गई और उसने घटना के तीन महीने बाद मार्च में शिकायत दर्ज की. इसके बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 के तहत बलात्कार और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया था." आरोपी का पता लगाने और उसे पकड़ने का जिम्मा एक विशेष स्टाफ टीक को सौंपा गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए डीसीपी समीर शर्मा, इंस्पेक्टर अजमेर सिंह, एएसआई राकेश समेत अन्य अधिकारियों की निगरानी में पुलिस की विशेष टीम गठित की गई.


इलेक्टॉनिक सर्विलांस के आधार पर पकड़ा गया आरोपी
पुलिस ने उसके दिल्ली और कानपुर के पते ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ होने के कारण कहीं भी उसका पता नहीं चला. आखिरकार इलेक्टॉनिक सर्विलांस के आधार पर आरोपी के बेंगलुरु में होने का पता चला. इसके बाद पुलिस की तीन सदस्यीय टीम वहां भेजी गई और उसे वापस दिल्ली लाया गया. पुलिस ने कहा कि वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि एसिड हमले से पहले या बाद में वह व्यक्ति अन्य अपराधों में शामिल था या नहीं.


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