Manish Sisodia On Railway Notice: दिल्ली के पुराने सीलमपुर इलाके में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया उन लोगों से मिलने पहुंचे, जिन्हें रेलवे विभाग की तरफ से नोटिस जारी कर घर खाली करने को कहा गया है. सिसोदिया ने पीड़ित लोगों से मिलकर उन्हें भरोसा दिलाया कि जबतक अरविंद केजरीवाल जिंदा हैं तब तक एक मकान को भी हाथ नहीं लगाने देंगे. इसके लिए हम कोर्ट तक में लड़ाई लडेंगे.


दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने पुराने सीलमपुर के पीड़ित लोगों से कहा कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी आप लोगों के साथ है. उन्होंने कहा कि यह नोटिस रेलवे विभाग का नहीं है बल्कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर भेजा गया है. 


हम इस लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे- मनीष सिसोदिया


मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, ''बीजेपी गरीबों का दुश्मन है और इसीलिए नोटिस भेज कर गरीबों के मकान गिराना चाहती है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि जब तक अरविंद केजरीवाल जिंदा है, आपके मकान को कोई छू भी नहीं सकता. हम इस लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे. इसे लेकर बड़े से बड़ा वकील करेंगे लेकिन हार नहीं मानेंगे.'
 
रेलवे विभाग का क्या कहना है?


दरअसल, नोटिस के मुताबिक रेलवे विभाग का कहना है कि रेलवे ट्रैक के किनारे की जमीन उसकी है जिसपर सैकड़ों झुग्गियां और घर बना दिए गए हैं. यह पूरी तरह से अवैध है, यही वजह है कि रेलवे विभाग नोटिस जारी कर अपनी जमीन कब्जा मुक्त करा रही है.


पीड़ित लोगों का क्या कहना है?


वहीं, जो लोग इन घरों में रह रहे हैं, उनका कहना है कि हम यहां 50-60 साल से रह रहे हैं. हमारे घर में पानी-बिजली का कनेक्शन है. हम सबका बिल देते हैं और अब अचानक से नोटिस घर के बाहर लगा दिया गया है कि 15 दिन में घर खाली कर दो नहीं तो बुल्डोजर चला देंगे. हम अब एकदम से कहां जाएं और क्या करें?


कुछ पीड़ित महिलाओं का कहना है कि वो मर जाएगी लेकिन घर से नहीं जाएगी. अपने जीवनभर की कमाई उन्होंने यहां लगा दी है अब वो कहां जाए और क्या करे?


एबीपी न्यूज की टीम भी पीड़ितों के घर पहुंची


एबीपी न्यूज़ की टीम उन घरों में भी पहुंची जहां रेलवे विभाग ने नोटिस चस्पा किया है. दरअसल घरों के बाहर लगे नोटिस ये बता रहे हैं कि ये घर अवैध रूप से बनाया गया है, जिसे 15 दिन बाद गिरा दिया जाएगा लेकिन इस नोटिस को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी इस नोटिस के बहाने बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही है और यह आरोप लगा रही है कि यह नोटिस बीजेपी के इशारे पर भेजा गया है. 


जहां एक तरफ दिल्ली विधान सभा चुनाव से पहले इस नोटिस को लेकर सियासत तेज हो गई है तो वहीं दूसरी तरफ दीपावली से पहले ही सैकड़ों घर में इस नोटिस को लेकर खौफ पसरा हुआ है क्योंकि उन्हें अपने घर से बेघर होने की चिंता सता रही है.


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