केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को कहा कि उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया. इसमें कहा गया है कि 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने और निजी व्यक्तियों को पोस्ट टेंडर लाभ देने में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और प्रभारी आबकारी मंत्री और 14 अन्य के खिलाफ वर्तमान मामला दर्ज किया गया था.


मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ और छह अन्य के खिलाफ 25 दिसंबर, 2022 को आरोप पत्र दायर किया गया था. सिसोदिया को 19 फरवरी को जांच में भाग लेने के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था.


सीबीआई ने कहा, "हालांकि, सिसोदिया ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा. उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए, उन्हें सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत 26 फरवरी को जांच में भाग लेने के लिए दूसरा नोटिस जारी किया गया था. उन्हें विभिन्न सवालों के जवाब देने के लिए बुलाया गया था, जिसे उन्होंने टाल दिया था. 17 अक्टूबर, 2022 को जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर उसकी महत्वपूर्ण भूमिका से संबंधित अन्य प्रश्न गए.


हालांकि, यह दावा किया गया कि सिसोदिया ने सही तरीके से जवाब नहीं दिया और जांच में सहयोग नहीं किया, इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सिसोदिया को सोमवार को राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया जाएगा.