Delhi Excise Policy: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में कल यानी शुक्रवार (31 मार्च) को सुनवाई होगी. पिछले हफ्ते मामले की सुनवाई में सिसोदिया की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. सीबीआई ने इस मामले में केस का विवरण और गवाहों के कई बयान भी प्रस्तुत किए थे. सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.


अपनी जमानत याचिका में क्या बोले थे सिसोदिया?


मनीष सिसोदिया ने एक ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि इस मामलें में सभी रिकवरी पहले ही की जा चुकी है. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया और जब उन्हें बुलाया गया वह सीबीआई के सामने प्रस्तुत भी हुए. उन्होंने इस बात का हवाला देते हुए कि वह दिल्ली के डिप्टी सीएम के महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर हैं और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं, कहा था कि इस मामले में आरोपी बनाए गए एक अन्य शख्स को पहले ही जमानत दी जा चुकी है. हालांकि बाद में सिसोदिया ने डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था.


सीबीआई ने किया था जमानत याचिका का विरोध


इस मामले में सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि यदि उन्हें जमानत दी जाती है तो यह हमारी जांच को प्रभावित करेगा क्योंकि उनका प्रभाव और हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर है. सीबीआई ने दावा किया था कि सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने फोन इसलिए तोड़ दिए थे क्योंकि वो अपग्रेड करना चाहते थे, लेकिन हमारे अनुसार उन्होंने चैट (बातचीत) को खत्म करने के लिए ऐसा किया. सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यदि उन्हें जमानत दी गई तो वे सबूतों को नष्ट कर देंगे. बता दें कि दिल्ली की नई आबकारी नीति में हुए घोटाले के मामले में चल रही जांच में सीबीआई और ईडी ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.


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