Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया को नहीं मिली जमानत तो संजय सिंह बोले- 'फैसले से संकेत साफ हैं कि...'
Manish Sisodia Bail Rejected: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. इस पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
Manish Sisodia News: दिल्ली आबकारी नीति मामले में शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. इस पर आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी. संजय सिंह ने कहा कि हम इस फ़ैसले से खुश नहीं है. इस फैसले को देखकर ये साफ संकेत लग रहा है कि मोदी सरकार और लंबे समय तक मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन को जेल में रखने की कोशिश में है. उन्होंने कहा कि फैसले को अब हाई कोर्ट में चुनौती देंगे.
संजय सिंह ने कहा कि एक ही मामले में आठ लोगों को जमानत मिल चुकी है, बावजूद इसके इस मामले में मनीष सिसोदिया को ज़मानत नहीं दी गयी. उन्होंने कहा, "लगातार पूरी कोशिश की जा रहा है कि सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसोदिया को लंबे समय तक जेल में रखने की. जिस तरह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में सिलसिलेवार तरीक़े से बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी के रिश्ते किस तरह के रहे है और किस तरह सब कुछ बेचा जा रहा है."
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अरविंद केजरीवाल को जुर्माना लगाने पर क्या बोले?
अरविंद केजरीवाल पर 25000 जुर्माना लगाए जाने पर संजय सिंह ने कहा कि आज साबित हो गया कि भारत का पीएम अनपढ़ है. जिस प्रधानमंत्री को इतने करोड़ों लोग चुन रहे हैं, क्या उसकी डिग्री लोगों को पता नहीं चलनी चाहिये. इसमें जुर्माने का क्या सवाल है. जब कोई क्लर्क की नौकरी भी मांगने जाता है तो उसे डिग्री दिखानी होती है. ये तो पीएम हैं और अगर कोई उनसे उनकी डिग्री पूछ रहा है तो वो बता क्यों नहीं देते. जो ये बताते है कि इन्होंने इन्टायर पॉलिटिकल साइंस में डिग्री की है तो उसको सबके सामने इन्हें रख देना चाहिये.
दरअसल, गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने उस आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था. सीआईसी के आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की अपील को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने के लिए कहा.