AAP Reaction On Manish Sisodia Custody: दिल्ली (Delhi) के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसके बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की ओर से इस पर प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. आप के विधायक सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने कहा है कि जब तक जमानत का फैसला नहीं हो जाता, अदालत के पास न्यायिक हिरासत बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. आज सीबीआई के पास कोई सवाल नहीं था, जिसके लिए उन्होंने मनीष सिसोदिया से पूछताछ की मांग की होती, जमानत पर सुनवाई 10 मार्च को होगी, तब तय होगा कि उन्हें जमानत मिलती है या उनकी रिमांड बढ़ाई जाती है.


गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 28 फरवरी को 8 घंटों की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद 27 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने उन्हें 4 मार्च तक के लिए सीबीआई रिमांड में भेज दिया था. फिर 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया ने जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा था कि उन्हें राहत पाने के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए. इसके अलावा उसी दिन मनीष सिसोदिया ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.


जेल में कटेगी मनीष सिसोदिया की होली


इसके बाद मनीष सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की, जिस पर 10 मार्च को सुनवाई होनी है. इस बीच 4 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड 6 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी. अब कोर्ट ने उनको 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. ऐसे में मनीष सिसोदिया की होली जेल में ही कटेगी.


आतिशी ने सीबीआई पर लगाया ये आरोप


इससे पहले आप नेता आतिशी ने रविवार को सीबीआई पर मनीष सिसोदिया को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और हिरासत में झूठे कबूलनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. इस दौरान आतिशी ने सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को साबित करने में एजेंसी के विफल रहने का दावा किया और सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सैकड़ों घंटे की जांच, 500 से अधिक अधिकारियों की पूर्णकालिक तैनाती, हजारों पन्नों की चार्जशीट और 50 घंटे से अधिक की छापेमारी के बावजूद, जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार को साबित करने में सक्षम नहीं हैं. सिसोदिया के खिलाफ एक रुपये की भी गड़बड़ी नहीं मिली, फिर भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.


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