Manish Sisodia Letter: 'ये देश के लिए खतरे की घंटी है', मनीष सिसोदिया ने जेल की लिखी चिट्ठी में किया बड़ा दावा
Manish Sisodia News: मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी में लिखा है कि देश की छवि के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हल्के बयान काफी खतरनाक और नुकसानदायक हैं.
Delhi News: प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर अब आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा लगातार हमला बोलने का सिलसिला जारी है. दिल्ली पोस्टर वार हो या आप के बड़े नेताओं के ट्वीट, पीएम मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी को नेताओं पर आप की ओर से हमला कम नहीं हुआ है. शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र लिखा है. अपने पत्र में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने पीएम के कुछ बयानों का जिक्र करते हुए गंभीर चिंता जाहिर की है.
मनीष सिसोदिया ने कहा है कि जहां पूरी दुनिया विज्ञान और नई तकनीक के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ रही है, वहीं देश की छवि के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हल्के बयान काफी खतरनाक और नुकसानदायक हैं। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पत्र को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से रि-ट्वीट किया है।
पीएम का बयान खतरनाक
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए हैं. पीएम को उनके पुराने बयानों पर घेरते हुए कहा कि जहां पूरा देश विज्ञान और नई तकनीक के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं किसी भी देश के प्रधानमंत्री द्वारा हल्के बयान देना काफी खतरनाक और नुकसानदायक हो सकता है। देश का युवा आगे बढ़ना चाहता है. विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहता है, लेकिन क्या कम पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री, इन युवाओं के सपनों को पूरा करने की क्षमता रखता है? दुनिया के अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, वह उनसे कितने कागजों पर हस्ताक्षर करा लेते हैं और प्रधानमंत्री मोदी इसके बदले झप्पी देते हैं. प्रधानमंत्री जी इस बात को समझ भी नहीं पाते, क्योंकि वह कम पढ़े लिखे हैं। उनके पास विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है.
60,000 स्कूलों को किया बंद
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पत्र को ट्वीट करते हुए सीएम केजरीवाल ने भी निशाना साधा है और कहा है की मोदी जी शिक्षा का महत्व नहीं समझते और ना ही विज्ञान की बातें समझते हैं। कुछ वर्षों में 60,000 स्कूलों को बंद कर दिया गया है. भारत की तरक्की के लिए एक पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री होना जरूरी है। अगर सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा कर दिया जाता तो लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में भेजना शुरू कर देते. जैसा कि अब दिल्ली में होने लगा है. देश भर में सरकारी स्कूलों का बंद होना खतरे की घंटी है. इससे पता चलता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है. अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देंगे, तो क्या भारत तरक्की कर सकता है? कभी नहीं!'मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी का एक वीडियो देखा था, जिसमें वो बड़े गर्व के साथ कह रहे हैं कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं. केवल गांव के स्कूल तक ही उनकी शिक्षा हुई. क्या अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना गर्व की बात है?