कोर्ट में Manish Sisodia का छलका दर्द, बोले- CBI का व्यवहार अच्छा लेकिन मैं मानसिक प्रताड़ना का शिकार
Manish Sisodia ने अदालत से कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) हिरासत में उनके साथ अच्छा व्यवहार कर रहा है, लेकिन बार-बार एक ही सवाल पूछा जा रहा है.
Manish Sisodia Custody: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की CBI हिरासत और दो दिन के लिये बढ़ा दी और केंद्रीय जांच एजेंसी को उन्हें सोमवार को पेश करने का निर्देश दिया.
सिसोदिया ने अदालत से कहा कि हालांकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) हिरासत में उनके साथ अच्छा व्यवहार कर रहा है, लेकिन बार-बार एक ही सवाल पूछे जाने से ‘‘मानसिक प्रताड़ना’’ हो रही है.
इसके बाद विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने CBI से कहा कि वह उनसे बार-बार एक ही सवाल न पूछे. सिसोदिया ने कहा, ‘‘वे ‘थर्ड-डिग्री’ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. लेकिन आठ से नौ घंटे बैठना और एक ही सवाल का बार-बार जवाब देना, वह भी मानसिक प्रताड़ना है.’’
'यदि आपके पास कुछ नया है, तो उनसे पूछें'
न्यायाधीश ने पिछली सुनवाई पर CBI को आरोपी पर ‘थर्ड डिग्री’ का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया था. न्यायाधीश ने जांच एजेंसी से कहा कि ‘‘एक ही सवाल बार-बार न पूछें. यदि आपके पास कुछ नया है, तो उनसे पूछें.’’
सिसोदिया के वकील ने सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी बताया कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य बहुत खराब है. इससे पहले, CBI ने सिसोदिया की और तीन दिन के लिये हिरासत मांगी थी. हालांकि, अदालत ने फिलहाल सिसोदिया की CBI हिरासत दो दिन के लिये ही बढ़ाई.
सिसोदिया के वकील ने CBI की याचिका का विरोध किया. वकील ने कहा कि जांच पूरी करने में एजेंसी की अक्षमता हिरासत का आधार नहीं हो सकती और उन्हें खुद को दोषी मानने के लिए नहीं कहा जा सकता है.
सिसोदिया ने CBI की याचिका का विरोध किया
सिसोदिया ने कहा कि सहयोग नहीं करना हिरासत का आधार नहीं हो सकता है और उन्होंने हिरासत के अनुरोध संबंधी CBI की याचिका का विरोध किया.
सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा, ‘‘सहयोग नहीं करना हिरासत का आधार नहीं हो सकता. वे यह नहीं कह सकते कि हम उनके अपराध कबूल करने तक इंतजार करेंगे. उन्हें जांच पूरी करनी चाहिए थी. जांच पूरी करने में उनकी अक्षमता हिरासत का आधार नहीं हो सकती.’’
इस बीच, अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर CBI को नोटिस जारी किया और उसे 10 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, जब वह आवेदन पर दलीलें सुनेगी.
हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं - सिसोदिया
अपने आवेदन में, सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा बुलाए जाने पर वह जांच में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है.
सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री का एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद संभाला है और उनकी समाज में गहरी जड़ें हैं.
राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों ने अदालत परिसर के बाहर धरना दिया और नारे लगाए. सिसोदिया को गत सोमवार को पांच दिन की CBI की हिरासत में भेजा गया था.
गौरतलब है कि CBI ने साल 2021-22 की आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था.