Delhi News: दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के पहले दिन जलभराव की समस्या को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी ने कहा कि जलभराव की समस्या के पीछे नगर निगम जिम्मेदार है और नगर निगम पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) दिल्ली सरकार के पास है और पीडब्ल्यूडी के नाले साफ नहीं हुए हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न हो गई है. वहीं इस पूरी मसले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि जलभराव के कारण दिल्ली के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इस मसले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.
....तो ठेकेदार को उल्टा टांग दूंगा
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के नालों की करीब दो हजार किमी की लंबाई पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आती है और शेष हिस्सा नगर निगम और अन्य एजेंसियों के अंडर आता है. उन्होंने बीजेपी से कहा कि बतायें कि पीडब्लूडी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में कहां नाला साफ नहीं हुआ है. मैं उस जगह को दिखवाऊंगा और यदि बीजेपी का दावा सच साबित हुआ तो मैं ठेकेदार को उल्टा टांग दूंगा.
डिप्टी सीएम ने कहा कि एजेंसियों के क्षेत्राधिकार के मामले में लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है. हम इस सदन में पीडब्ल्यूडी या एमसीडी को सही नहीं ठहरा सकते. अगर कोई एजेंसी नालों की सफाई किए बगैर साफ करने का दावा करती है तो यह अपराध है. अगर मुझे पता चलता है कि पीडब्ल्यूडी के क्षेत्र में ऐसा हुआ है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एमसीडी की व्यवस्था बेहद खराब
मनीष सिसोदिया ने कहा कि तीन नगर निगमों के एकीकरण के बाद एमसीडी में बेहद खराब व्यवस्था हो गयी है. आप विधायक ऋतुराज गोविंद, कुलदीप कुमार, राखी बिड़ला जबकि बीजेपी विधायक अभय वर्मा, जितेंद्र महाजन में जलभराव को लेकर जमकर बहस हुई.
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