Delhi LG vs CM: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish sisodia) ने एक बार फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG VK Saxena) पर असंवैधानिक रूप से दिल्ली सरकार (Arvind kejriwal) के कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि संशोधित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD Law) कानून की शक्तियों का दुरुपयोग कर एलजी दिल्ली सरकार को शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अपने शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शनिवार को सिंगापुर भेजेगी, लेकिन दिल्ली में सक्सेना केजरीवाल सरकार को ऐसा करने से रोक रहे हैं.


दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) कानून में किए गए संशोधन से एलजी को दिल्ली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने की शक्ति मिल गई है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वह असंवैधानिक रूप से संशोधित जीएनसीटीडी अधिनियम द्वारा उन्हें प्रदान की गई शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं.


4 माह से इधर से उधर घूम रही है दिल्ली की फाइल 


आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमने सरकार बनने के बाद दूसरे और तीसरे वर्ष में अपने शिक्षकों को प्रशिक्षण पर भेजना शुरू किया, लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के अनुभवों से सीख रही है और उसने पहले साल में ही अपने शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण पर भेजना शुरू कर दिया है. सिसोदिया ने इस तरह के कार्यक्रमों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि ये जरूरी हैं, क्योंकि पंजाब से बड़ी संख्या में बच्चे शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं, जो शिक्षकों के प्रशिक्षित होने पर बंद हो जाएगा. आप की सरकार ने इस अवधारणा पर दिल्ली में काम किया और अब पंजाब में भी काम हो रहा है. यह बहुत ही गर्व की बात है कि पंजाब सरकार के 36 शिक्षकों और दो शिक्षा अधिकारियों की एक टीम अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर जा रही है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की फाइल पिछले साल अक्टूबर से इधर से उधर घूम रही है.


दिल्ली को भी मिलनी चाहिए ये आजादी 


डिप्टी सीएम का कहना है कि देश के संविधान के अनुसार देश के सभी राज्यों की सरकारों को शिक्षा पर काम करने का पूरा अधिकार है. दिल्ली सरकार को पंजाब या किसी अन्य राज्य की सरकार की तरह अपने शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश में भेजने की आजादी होनी चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में एलजी शिक्षकों को वैश्विक अनुभव हासिल करने से रोकने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. जब एक राज्य की सरकार अपने शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेज सकती है तो दूसरे राज्य की सरकार को भी अपने शिक्षकों को विदेश भेजने की इजाजत होनी चाहिए.


संवैधानिक टकराव पैदा न करें केजरीवाल: प्रवीण शंकर


वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आप पर संवैधानिक टकराव पैदा करने का आरोप लगाया है. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आप सरकार शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की इच्छुक नहीं है और केवल संवैधानिक टकराव पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग जानते हैं कि सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए 24,000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की जरूरत है और विदेशों में कुछ शिक्षकों को प्रशिक्षण देने से इसमें सुधार नहीं होगा.


बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) कानून में 2021 में संशोधन किया गया था. संशोधित कानून संसद की मंजूरी के बाद लागू हुआ था. दिल्ली सरकार ने जीएनसीटीडी संशोधन कानून को उच्चतम न्यायालय को चुनौती दे रखी है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब दिल्ली के अनुभव से सीख रहा है. उनके पास ही शिक्षा विभाग का जिम्मा भी है.


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