मनीष सिसोदिया को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए मिल चुका है अवार्ड, जानिए कितने पढ़ें हैं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. राजनीति में आने से पहले वे पेशे से पत्रकार थे उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और जी न्यूज में काम किया.
अगले साल देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव जिसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं. दिल्ली की सत्ताधीन आम आदमी पार्टी भी प्रचार अभियान में जुट चुकी है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में रैलियां कर रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली की सरकारी स्कूलों को स्थिति सुधारने के लिए जाना है हाल ही में उन्होंने दिल्ली में बनने वाले स्कूल ऑफ एक्सीलेस की प्रस्तावित विद्यालय भवन का दौरा किया. आज की स्टोरी में हम आपको मनीष सिसोदिया की पर्सनल लाइफ, पॉलिटिकल करियर और परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं.
पत्रकारिता में किया डिप्लोमा
मनीष सिसोदिया का जन्म 5 जनवरी साल 1972 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ था. उनके पिता धर्मपाल सिंह पेशे से शिक्षक थे. मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही की. इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली स्थित भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. मनीष सिसोदिया की पत्नी का नाम सीमा सिसोदिया है. दोनों का एक बेटा भी है.
ऑल इंडिया रेडियो में कर चुके हैं काम
पत्रिकारिता की पढ़ाई करने के बाद मनीष सिसोदिया ने साल 1993 में ऑल इंडिया रेडियो में काम किया. जिसमें वे जीरो अवर्स प्रोग्राम की मेजबानी किया करते थे. इसके बाद साल 1997 से लेकर साल 2005 तक जी न्यूज में प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया.
मनीष सिसोदिया ने कबीर और परिवर्तन नामक सामाजिक संस्था का संचालन किया. वे एक आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं. वे उन नौ लोगों में शामिल थे जिन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम का मसौदा तैयार किया. साल 2006 में मनीष सिसोदिया और अभिनंदन सेखरी के साथ मिलकर पब्लिक कॉज रिसर्च नामक संस्था की स्थापना की.
अन्ना आंदोलन में हुए शामिल
मनीष सिसोदिया साल 2011 में जनलोकपाल बिल के लिए हुए आंदोलन के दौरान सुर्खियों में रहे. इसके बाद साल 2012 में वे अरविंद केजरीवाल और अन्य के साथ राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी का गठन किया.
साल 2013 में पहली बार बने विधायक
साल 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया ने बीजेपी नेता नकुल भारद्वाज को 11,478 वोटों से हराते हुए पहला बार विधायक बने. हालांकि बाद में केजरीवाल की सरकार गिर जाने के बाद मनीष सिसोदिया को सत्ता से बाहर होना पड़ा. इसके बाद साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज सीट से बीजेपी नेता विनोद कुमार बिन्नी को 24 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर एक बार फिर सत्ता में आए. 2020 के चुनाव में एक बार फिर मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट से चुनाव जीते.
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए मिल चुका है अवार्ड
साल 2016 में मनीष सिसोदिया को भारत के 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया गया था. वहीं साल 2019 में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए चैंपियन ऑफ चेंज पुरस्कार मिला.
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