Delhi News: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) अभी जेल में ही रहेंगे. शुक्रवार को सीबीआई मामले में सुनवाई के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 2 जून तक के लिए बढ़ा दिया है.


इस दौरान दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच लगातार चल रहे विवाद को लेकर एक दिन पहले आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सिसोदिया ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'मोदी जी संविधान को मानें.' दरअसल, कल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हक में फैसला देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को सर्विसेज पर विधायी और कार्यकारी अधिकार हैं, ये वही शक्तियां है जो दिल्ली सरकार को मिली हुई हैं. हालांकि, राजधानी दिल्ली दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों से अलग है, इसलिए इसमें कुछ हिस्सों जैसे पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर बाकी सभी चीजों पर विधानसभा का अधिकार होना चाहिए.



सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल को लिखा था पत्र


आम आदमी पार्टी आरोप लगाती रही है कि उपराज्यपाल बीजेपी और केंद्र सरकार के इशारे पर उसके कामकाज में अनावश्यक दखल देते हैं. दिल्ली सरकार का आरोप रहा है कि उसके जनता के हितों के कामकाज को भी मनगढ़ंत आधारों पर रोकने की कोशिश की जाती है. वहीं अब अधिकारियों पर उपराज्यपाल की भूमिका सीमित हो जाने के बाद दोनों के बीच टकराव कम हो सकता है. पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर भी आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार के कामकाज में गलत बाधा डालने की कोशिश की जा रही है. वहीं केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद कहा है कि दिल्ली की जनता जो फैसला लेगी वह अफसरशाही को मानना होगा.



यह भी पढ़ें: Arvind Kejriwal PC: 'कुछ दिनों में बहुत बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा', सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- 'जनता के काम रोकने वाले कर्मचारियों को...'