Delhi News: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर स्थाई भर्ती में अस्थाई, गेस्ट शिक्षकों को समाहित करने की मांग की. वीसी को लिखे पत्र में सिसोदिया ने कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के लिए चल रहे साक्षात्कार बेकार रहे हैं. कॉलेजों के कॉर्पोरेट जीवन में योगदान और अनुभवी शिक्षकों की कमी से कॉलेजों में शिक्षण और सीखने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
'दशकों से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे कई अस्थाई शिक्षक'
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, "हमारा मानना है कि स्थायी भर्ती में अस्थाई शिक्षकों को समाहित किया जाना चाहिए. इनमें से कई शिक्षक दशकों से दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. वे दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थान की चुनौतियों को समझते हैं और जानते हैं कि विविध भाषाई पृष्ठभूमि और अकादमिक अनुभव वाले देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले छात्रों से कैसे निपटा जाए."
अस्थाई शिक्षकों को स्थायी किया जाए- सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि कक्षा में पढ़ाने के अनुभव की जगह नहीं ली जा सकती इसलिए इन शिक्षकों को दिल्ली विश्वविद्यालय में जारी रखना जरूरी है. पत्र में लिखा गया है कि अध्यादेश 18-4(ए) शिक्षण स्टाफ की नियुक्ति शासी निकाय द्वारा किए जाने का प्रावधान करता है. हमारे 28 कॉलेजों में हम स्थाई और अस्थाई शिक्षकों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं. सिसोदिया ने कहा, हम आपसे इन कॉलेजों में अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करने का अनुरोध करते हैं.
डिप्टी सीएम ने डीयू के वीसी को लिखे पत्र में कहा है कि स्थाई नियुक्तियों में गेस्ट लेक्चरर्स को प्राथमिकता दी जाए, उन्होंने कहा कि जो प्रक्रिया चल रही है उसमें 70 प्रतिशत से ज्यादा गेस्ट/एडहॉक टीचर्स को पक्का नहीं किया जा रहा है. इन शिक्षकों और कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के रूप में समाहित किया जाना चाहिए क्योंकि वे सालों से विश्वविद्यालय के लिए काम कर रहे हैं.
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