निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कैसे उचित? पूर्व PM मनमोहन सिंह का जिक्र कर बोलीं अलका लांबा
Manmohan Singh Death: केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बताया कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा. कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने इस पर सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शनिवार (28 दिसंबर) को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार होगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने 11:45 बजे का समय तय किया है. इस पर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उनके (पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) कद के मुताबिक यह कतई उचित स्थान नहीं है.
केंद्र सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण- अलका लांबा
अलका लांबा ने एक्स पर लिखा, "सरदार मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर होना कैसे उचित हो सकता है? ऐसा करना उनके सम्मान के ख़िलाफ़ जाना होगा, ऐसा पहले कभी किसी पूर्व प्रधानमंत्री के साथ नहीं हुआ, पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी इसका ताजा उदाहरण हैं , जिनका अंतिम सरकार और स्मारक उचित स्थान पर बनाया गया, केंद्र सरकार का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और आहत पहुंचाने वाला है." बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार दिल्ली के स्मृति स्थल पर किया गया था.
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने निर्णय लिया है कि डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा." इसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय से अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ करने के लिए प्रबंध किए जाने का अनुरोध किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
इस बीच कांग्रेस ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की. साथ ही एक पत्र लिख कर कांग्रेस की ओर से पुरज़ोर अनुरोध किया कि भारत के सपूत सरदार मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार व स्मारक स्थापित करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
पूरे देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक
गौरतलब है कि गुरुवार (26 दिसंबर) की रात 9 बजकर 51 मिनट पर दिल्ली के एम्स में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंतिम सांस ली. वो 92 साल के थे. उनके निधन के बाद देश में शोक की लहर है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में पूरे देश में सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा और इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.