राजधानी दिल्ली में हर दूसरे साल दंगे होने की खबर सामने आती है. हाल ही में जहांगीरपुरी में शोभायात्रा के दौरान दो समुदाय में हिंसा हुई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. अगर दिल्ली के दंगों पर नजर डाली जाए तो यह पहली बार ऐसा नहीं है कि यहां दंगे हुए हैं. राजधानी दिल्ली में साल 1984 से ही सबसे बड़े दंगों की शुरुआत हुई थी, यहां पर साल 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगे हुए. इन दंगों में करीब 3 हजार सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया था. इसके बाद दिल्ली में कई बार दंगे हुए हैं जिनमें कई लोगों की मौत हुई है.
फिर साल 1990 में नवंबर के महीने में दिल्ली के सदर बाजार के ईदगाह पार्क में साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी और 32 लोग घायल हुए थे. इस दौरान 42 गाड़ियों जलाई गई थीं और कई लोग घायल हुए थे. फिर साल 1992 में दिल्ली के सीलमपुर में साम्प्रदायिक हिंसा में लगभग 20 लोगों की मौत हुई और इस हिंसा में मरने वाले लोग अधिकतर जलने की वजह से मरे थे.
वहीं साल 2014 में दिल्ली के त्रिलोकपुरी में हुए मामूली विवाद ने बड़े दंगे का रूप ले लिया था, हालांकि इस दंगें में किसी की मौत नहीं हुई थी लेकिन 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस दंगे में कई लोग गोली लगने से घायल हुए थे. इसके बाद दिल्ली का बड़ा दंगा फरवरी साल 2020 में हुआ था इस दंगे की शुरुआत उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई थी, जिसमें जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाके में काफी नुकसान हुआ था. इस दंगों की वजह से 53 लोगों की मौत हुई थी.
आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के दंगे
अगर हर साल दिल्ली में कुल दंगों के आंकड़ों को देखा जाए तो इसमें साल 2015 में 130 दंगे हुए थे. इसके बाद फिर साल 2016 में 79, साल 2017 में 50, साल 2018 में 23, साल 2019 में 23, साल 2020 में 689 और साल 2021 में 68 दंगे हुए थे.