Delhi News: दिल्ली एमसीडी चुनाव में निर्वाचित पार्षदों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. 26 अप्रैल को एमसीडी सदन की होने वाली बैठक में 25 समितियों के गठन का प्रस्ताव आने की योजना है. प्रस्तावित बैठक में पार्षदों के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनने का रास्ता साफ होने की उम्मीद है. ठीक उसी दिन मेयर चुनाव होना भी तय है. वैसे प्रमुख सत्ताधारी पार्टियों के बीच में मचे सियासी घमासान की वजह से शिक्षा और 25 अन्य समितियों के गठन का प्रस्ताव को आगे बढ़ना सत्ताधारी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा. 


विगत दिल्ली मेयर चुनाव के दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला. नतीजा यह निकला कि मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव किसी तरह संपन्न कराने के बाद स्थायी समिति के 6 सदस्यों का चुनावी मसला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया. जब तक दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में कोई निर्णय नहीं दिया जाता, तब तक स्थायी समिति का गठन नहीं होगा और निर्धारित वार्ड की कमेटियां भी गठित नहीं होंगी.


समितियों का गठन आसान नहीं


26 अप्रैल को सदन की बैठक में माना जा रहा है कि समितियों के गठन का प्रस्ताव लाया जा सकता है. वैसे नगर निगम के समितियों में सबसे ज्यादा सत्तापक्ष के पार्षदों को चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनने का अवसर मिलता है, क्योंकि उनका संख्या बल अधिक होता है. चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव में मतदान प्राथमिकता के आधार पर होता है. निर्धारित क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को भी महापौर द्वारा इसमें मनोनीत भी किया जाता है. समिति में 3 सदस्यों का मनोनयन भी होता है. वैसे वर्तमान सियासी संग्राम को देखते हुए समितियों के गठन और चेयर पर्सन और डिप्टी चेयरपर्सन का चुनाव इतना आसान नहीं होगा. अब  देखना होगा कि 26 अप्रैल को क्या कुछ निर्णय लिए जाते हैं. बता दें कि 26 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना है. 


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