Delhi News: दिल्ली नगर निगम ने मानसून के दौरान किसी तरह की 'दुर्घटना' को रोकने के लिए शहर में 'खतरनाक' इमारतों की पहचान करने की कवायद शुरू कर दी है. इसका मकसद ये है कि ऐसे ढांचे को तोड़ने या मरम्मत करने का काम शुरू किया जा सके. एक अधिकारी ने कहा कि नगर निकाय ने अपने फील्ड स्टाफ से कहा है कि वे अपने क्षेत्रों में इमारतों या घरों का वार्षिक सर्वेक्षण शुरू करें.
इस संबंध में 6 अप्रैल को एक सर्कुलर 'प्री मूनसन मेजर्स' भी जारी किया गया था. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने रेखांकित किया है कि अगर कोई घर खतरनाक स्थिति में मिलता है तो ध्वस्त करने की कार्रवाई में 'देरी' नहीं होनी चाहिए. अधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य 30 जून तक पूरा होने की उम्मीद है.
ऐसी इमारतों को गिराने या मरम्मत करने का होता है काम
उन्होंने एजेंसी को बताया कि खतरनाक या मरम्मत योग्य इमारतों और घरों की पहचान करने के लिए मैदानी अमले द्वारा हर साल मानसून के मौसम से पहले स्वीकृत कॉलोनियों में खतरनाक इमारतों या घरों का सर्वेक्षण किया जाता है. उन्होंने कि इमारतों या घरों के मरम्मत करने के लायक नहीं होने या खतरनाक स्थिति में पाए जाने पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी. आगामी मानसून के मौसम को देखते हुए, ऐसी खतरनाक इमारतों की पहचान करने की कवायद 30 जून से पहले पूरी कर ली जानी चाहिए ताकि ऐसी इमारतों को गिराने, सुरक्षित करने या मरम्मत करने के लिए उचित कार्रवाई की जा सके.
खतरनाक घरों को गिराने में देरी नहीं करने का निर्देश
एमसीडी ने अपने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में खतरनाक स्थिति में पाए गए भवनों और घरों को गिराने की कार्रवाई में देरी नहीं की जाए. साथ ही अधिकारियों से कहा है कि वे सभी नगरपालिका भवनों, अर्थात् स्कूलों, अस्पतालों, औषधालयों, स्टाफ क्वार्टरों, जोनल कार्यालयों, जेई स्टोरों, सामुदायिक हॉल / केंद्रों, खेल परिसरों और अन्य नगरपालिका भवनों की जांच करें और आवश्यक कार्रवाई करें. जहां भी आवश्यक हो, मरम्मत की जाए. उन्होंने कहा कि सभी भवनों के डाउन टेक पाइपों की भी जांच कर सफाई कराई जाए ताकि बारिश का पानी जमा न हो सके.
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