MCD Budget 2023: एमसीडी बजट सत्र पर भी विवाद, BJP नेता ने AAP पर लगाए ये आरोप, विपक्ष को नहीं दिया जा रहा...
Delhi MCD Budget: दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आप की मेयर पर दिल्ली विधानसभा की एमसीडी को अपने मनमाने तरीके से चलाने का आरोप लगाया.
MCD Budget 2023 News: दिल्ली एमसीडी के चुनाव के बाद मेयर के चुनाव के लिए महीनों लंबी चली खींचतान के बाद सुप्रीम कोर्ट में आदेश पर मेयर का चुनाव तो संपन्न हो गया, लेकिन सदन में अभी भी विभिन्न मुद्दों को लेकर आप और बीजेपी के बीच रस्साकसी जारी है. एक तरफ जहां स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव और एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर दोनों दलों के बीच घमासान जारी है, तो दूसरी तरफ अब एमसीडी के बजट को लेकर भी आप और बीजेपी आमने-सामने है.
दिल्ली प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आप और एमसीडी में आप की मेयर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा को मनमाने तरीके से चला रही है, बिल्कुल ऐसे ही हालात एमसीडी सदन में देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मेयर के चुनाव में देरी की वजह से एमसीडी के अधिकारियों ने ही एमसीडी का बजट पारित कर दिया. जिसे लेकर मेयर द्वारा विभागीय बजट प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलानी थी. जिसमे बजट पर चर्चा कर संसोधन कर उसे पास किया जाना था.
बजट के लिए दिया सिर्फ 72 घंटों का नोटिस
मेयर ने इस पर ध्यान ना दे कर स्थायी समिति के चुनावों को टालने और एल्डरमैन की नियुक्ति ओर रोक लगाने के ऊपर अपना ध्यान केंद्रित रखा. हालांकि, विपक्ष और निगम एक्ट के दबाव में मेयर ने इसके लिए निगम की बैठक बुलाई, लेकिन मनमाने ढंग से इसके लिए मात्र 72 घंटों का नोटिस दिया गया. जबकि पूर्व में दिल्ली नगर निगम बजट सत्र कार्य प्रणाली दिशा निर्देशों के अनुसार इस बजट सत्र के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता रहा है. ताकि निगम आयुक्त द्वारा लाये गए विभागीय बजट आवंटन प्रस्तावों पर पक्ष और विपक्ष दोनों अपने संसोधन ला सकें.
2023-24 के बजट में बहुत सारे शुल्क बढ़ाए गए
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी विपक्ष को लिखित बजट संशोधन लाने का मौका ही नहीं देना चाहती है. बजट सत्र दिशा निर्देश अनुसार समय काट दिया गया. उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा बनाए गए 2023-24 के बजट में बहुत सारे शुल्क बढ़ाए गए हैं. अधिकांश बजट आवंटन जनहित से ज्यादा रेवन्यू हितों को ध्यान में रख कर किए गए हैं. जिस तरह आम आदमी पार्टी विपक्ष को समय देने से बच रही है उससे साफ है कि वह अधिकारियों के लाए बजट को अक्षरशः पारित करवाना चाहती है.