Delhi MCD: MCD में फिर AAP-BJP के बीच तकरार के आसार! बजट के लिए अब तक नहीं बनी स्टैंडिंग कमेटी
Delhi MCD Budget 2024 News: एमसीडी (MCD) में सदन के नेता मुकेश गोयल का कहना है कि बजट पेश होने में अभी बहुत समय है. इस बार पहले वाली स्थिति पैदा नहीं होने देंगे.
Delhi MCD News: दिल्ली नगर निगम (MCD) का चुनाव दिसंबर 2022 में संपन्न होने के बावजूद स्टैंडिंग कमेटी (MCD Standing Committee) के चेयरमैन का चुनाव अभी तक नहीं हो पाया है. चेयरमैन का चुनाव जल्द न होने पर एमसीडी बजट 2024 की प्रक्रिया सामान्य नियमों के मुताबिक शुरू होना मुश्किल है. दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों ने बजट (MCD Budget 2024) बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ, तो निगम का बजट कैसे पेश होगा, इसको लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस मसले पर बीजेपी नेता आप की नीयत में खोट बता रहे हैं, तो इसके जवाब में आप नेता का कहना है कि अभी काफी समय है, स्टैंडिंग कमेटी का गठन समय से पहले हो जाएगा.
AAP की नीयत में खोट: आशीष सूद
एमसडी के सदन में नेता सहित कई कमेटियों में प्रमुख पदों पर रहे बीजेपी के आशीष सूद का कहना है कि इस बार बजट को लेकर विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई है. पहली बार आप सत्ता में है और 15 साल बाद बीजेपी विपक्ष में. अभी तक स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन सहित सभी सदस्यों का चुनाव भी नहीं हो पाया है. अभी यह मसला अदालत में लंबित है. उन्होंने कहा कि एमसीडी में बजट की प्रक्रिया स्टैंडिंग कमेटी से शुरू होती है. उसके बाद एमसीडी हाउस में बजट को चर्चा के लिए मेयर के माध्यम से रखा जाता है. संवैधानिक संकट यह है कि आप (AAP) और बीजेपी (BJP) के बीच तकरार की वजह से स्टैंडिंग कमेटी अस्तित्व में नहीं है. आशीष सूद का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए एमसीडी एक्ट 1957 मौन है. ऐसे में बजट का क्या होगा, यह एक अहम सवाल है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति इसलिए है कि आम आदमी पार्टी एमसीडी को पारदर्शी तरीके से नहीं चलाना चाहती है. AAP इस मसले पर अपने तरीके से ही काम करना चाहती है.
दिसंबर से पहले हो जाएगा स्टैंडिंग कमेटी का गठन: मुकेश गोयल
आप (AAP) नेता और एमसीडी में सदन के नेता मुकेश गोयल ने स्टैंडिंग कमेटी का गठन न होने की वजह से बजट पर पेंच फंसने से जुड़े सवालों पर कहा कि आगामी बजट को लेकर अभी लंबा समय है. स्थायी समिति का मामला शीर्ष अदालत में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है. फैसला शीर्ष अदालत के पास रिजर्व है. चार महीने से यह मामला पेंडिंग मोड में है. मुझे उम्मीद है, इस मसले पर कोर्ट का जल्द आ सकताहै. फैसला आते ही स्थायी समिति का गठन हो जाएगा. इस बार बजट पेश होने में कोई बाधा सामने नहीं आने देंगे. दिसंबर से पहले स्थायी समिति का गठन हो जाएगा. इस बार पहले वाली स्थिति पैदा नहीं होने देंगे.
Budget पर टकराव क्यों?
एमसीडी के बजट को लेकर यह सवाल इसलिए कि स्टैंडिंग कमेटी अभी तक गठित नहीं हो पाई है, जबकि एमसीडी चुनाव परिणाम आये नौ माह से ज्यादा समय बीत चुका है. गौर करने की बात यह है कि स्टैंडिंग कमेटी के बगैर बजट की प्रक्रिया होना मुश्किल है. जबकि हर साल 10 दिसंबर से पहले निगमायुक्त को स्टैंडिंग कमेटी के सामने बजट पेश करना होता है. स्टैंडिंग कमेटी अस्तित्व में न होने की स्थिति में सदन में सीधे यह बजट पेश नहीं किया जा सकता. ऐसे में निगमायुक्त एलजी (Vinai Saxena) के सामने बजट पेश कर सकते हैं. नियमानुसार ऐसा करने से पहले एमसीडी को केंद्रीय गृह मंत्रालय की राय भी लेनी होगी. फिलहाल, एमसीडी के चीफ अकाउंटेंट कम फाइनेंशियल एडवाइजर ने आदेश जारी कर 15 सितंबर तक सभी विभागों से वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित बजट अनुमान और 2024-25 के बजट अनुमान पेश करने को कहा है.
स्टैंडिंग कमेटी गठित न होने की ये है वजह
दरअसल, स्थायी समिति का गठन करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है, लेकिन एमसीडी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार है. महापौर डा. शैली ओबेराय ने एलजी द्वारा नियुक्त किए गए मनोनीत सदस्यों के मनोनयन को चुनौती दी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है. बिना आदेश के भी स्टैंडिंग कमेटी का गठन संभव है, लेकिन बीजेपी और आप के बीच इस मसले पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. दोनों को लगता है कि शीर्ष अदालत का फैसला पक्ष में आएगा.
क्या है नियम
दिल्ली नगर निगम के बजटीय प्रावधानों के अनुसार 10 दिसंबर से पहले ही निगमायुक्त को स्टैंडिंग कमेटी के सामने बजट पेश करना होता है. अगर, कमेटी अस्तित्व में न हो तो बजट कैसे पेश होगा, इसका उल्लेख न तो निगम एक्ट में है और न ही बजटीय प्रावधानों में. एमसीडी के जानकारों का कहना है कि ऐसे हालात में प्रशासक होने के नाते निगमायुक्त दिल्ली के उपराज्यपाल के समक्ष बजट पेश कर सकते हैं. एमसीडी एक्ट 1957 के मुताबिक हर साल वार्षिक बजट के लिए 15 फरवरी या उससे पहले सदन से मंजूरी लेना अनिवार्य होता है. मेयर की अनुपस्थिति में विशेष अधिकारी को बजट पारित करने की अनुमति है, लेकिन मुसीबत यह है कि स्टैंडिंग कमेटी का गठन न होने बजट की प्रक्रिया अधर में लटकने की संभावना है. बता दें कि पिछले साल दिसंबर में एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने 2023-24 के लिए बजट अनुमान पेश किया था, जिसमें अनुमानित खर्च 16,023 करोड़ रुपये था.