MCD Budget: अगर मेयर नहीं चुना गया तो कौन पेश करेगा एमसीडी का बजट? सामने आई ये अहम जानकारी
एमसीडी (MCD) की तीन बार बैठक होने के बाद भी मेयर का चुनाव हंगामे की वजह से नहीं हो पाया. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस बीच बजट पारित करने की प्रक्रिया भी जारी है.
Delhi MCD Budget: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के मेयर का चुनाव अब तक नहीं हो सका है. इस बीच एमसीडी बजट की कवायद पूरी होने में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी 2023-24 का बजट पारित कर सकते हैं. दरअसल एमसीडी एक्ट के अनुसार 10 दिसंबर से पहले स्थायी समिति की बैठक में निगम आयुक्त को बजट पेश करना होता है.
यही वजह है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव नतीजों के बाद आठ दिसंबर को निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार के समक्ष वित्त वर्ष 2022-23 का संशोधित बजट अनुमान और वित्त वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान पेश किया था. 15 फरवरी तक नियमानुसार दिल्ली नगर निगम को सभी टैक्स शेड्यूल प्रकाशित करना होता है, लेकिन माना जा रहा है कि 15 फरवरी से पहले फिर से मेयर चुनाव के लिए बैठक होना मुश्किल है. ऐसे में विशेष अधिकारी को ही यह बजट पारित करना होगा. हालांकि, मेयर की अध्यक्षता में सदन की एक विशेष बैठक में बजट को अंततः सदन के नेता की ओर से ही पारित किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है एमसीडी मेयर चुनाव का मामला
गौरतलब है कि एमसीडी की तीन बार बैठक होने के बाद भी मेयर का चुनाव हंगामे की वजह से नहीं हो पाया. इसे लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को आप की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय, एमसीडी के प्रोटेम पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा और अन्य से जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सोमवार तक जवाब मांगा है.
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