Delhi News: दिल्ली नगर निगम (MCD ने लोगों को अपने घरों को जियोटैग करने का प्रशिक्षण देने के लिए शनिवार और रविवार को 200 जगहों पर शिविर का आयोजन किया. इन प्रशिक्षण शिविरों में लोगों को उनकी संपत्तियों की जियो-टैगिंग की आवश्यकता और लाभों के बारे में जानकारी दी गई. एमसीडी ने एक बयान में बताया कि लोगों को मोबाइल ऐप डाउनलोड करने से लेकर फोटो के साथ संपत्ति को जियोटैग करने तक की प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षित किया गया. साथ ही, लोगों को अपनी संपत्तियों को जियो-टैग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.


लोगों को बताया गया कि वे सभी संपत्ति मालिक, जो एमसीडी के संपत्ति कर पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें पंजीकृत करना होगा, यूपीआईसी जनरेट करना होगा और उसके बाद अपनी संपत्तियों को जियोटैग करना होगा. यदि संपत्ति मालिक 31 जनवरी, 2024 तक अपनी संपत्तियों को पंजीकृत नहीं करते हैं, तो दिल्ली नगर निगम कर वसूली के लिए कानूनी कदम उठाएगा और बकाएदारों के खिलाफ मामले भी दर्ज करेगा. लोगों को जानकारी दी गई कि एमसीडी ने सभी आवासीय और गैर-आवासीय संपत्तियों की जियोटैगिंग के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसे एमसीडी ऐप कहा जाता है.


कहां से डाउनलोड करें एमसीडी ऐप?


प्रॉपर्टी मालिकों को एमसीडी ऐप गूगल प्ले स्टोर से या एमसीडी की वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड करना होगा. उन्हें यह भी बताया गया कि करदाताओं की ओर से संपत्तियों की जियो-टैगिंग से व्यक्तिगत संपत्तियों की स्थान-वार पहचान हो सकेगी और एमसीडी की तरफ से लोगों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सकेगा.


कैसे कर सकते हैं अपने घर को जियोटैग?



  • एमसीडी ऐप खोलें और नागरिक विकल्प चुनें

  • आगे बढ़ने के लिए लॉग इन करें

  • पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके जियो-टैगिंग विकल्प के लिए यूपीआईसी चुनें

  • प्रॉपर्टी यूपीआईसी का चयन करें, एक्शन बटन पर जाएं और 'जियो-टैगिंग' पर क्लिक करें.

  • फिर एक मानचित्र स्थान पॉप अप हो जाएगा

  • अपनी संपत्ति की तस्वीरें जोड़ने के लिए कैप्चर 'जियो कोऑर्डिनेट्स' बटन पर क्लिक करें

  • 'संपत्ति के लिए फोटो जोड़ें' पर क्लिक करें और फिर फोटो के लिए एक कैप्शन जोड़ें.

  • उसके बाद, सबमिट जियोटैग और फोटो पर जाएं और विवरण सबमिट करने के लिए 'हां' बटन पर क्लिक करें. जिन संपत्ति मालिकों के पास अपनी संपत्तियों का यूपीआईसी नंबर नहीं है, उन्हें पहले यूपीआईसी जनरेट करना होगा और फिर उसे जियो-टैग करने के लिए इस प्रक्रिया से गुजरना होगा.


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