MCD Mayor Election 2023: देश की राजधानी दिल्ली नगर निगम (NCD Mayor Election 2023) का चुनाव परिणाम आने के ढ़ाई महीने के बाद आज मेयर (Mayor Election) का चुनाव होने की पूरी उम्मीद है. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने मेयर का चुनाव कराने के मकसद से सदन की बैठक सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद चैथी बार आहूत की है. चूंकि, एल्डरमैन काउंसलर्स की भूमिका को लेकर आज स्थिति स्पष्ट है, इसलिए माना जा रहा है कि दिल्ली (Delhi) को नया मेयर मिल जाएगा. इस बीच यह जानना भी अहम है कि आखिर अभी तक मेयर का चुनाव क्यों नहीं हो पाए?
दरअसल, दिल्ली नगर निगम के लिए चुनाव नवंबर-दिसंबर 2022 में हुआ था. एमसीडी चुनाव परिणाम भी सात दिसंबर को आ गए थे. उसके बाद नवनिर्वाचित पार्षदों, नामित विधायकों, दिल्ली के लोकसभा और राज्यसभा के 10 सांसदों को वोटिंग के जरिए नए मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव करना था. इसको लेकर आज से पहले तीन और बैठकें हुई थीं. इन बैठकों का आयोजन 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को हुआ था. तीनों मेयर चुनाव कराने के मकसद से आहूत एमसीडी सदन की बैठक आप-बीजेपी पार्षदों व नेताओं के हंगामों की वजह से बेनतीजा साबित हुईं. तीनों बार पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने बैठक को स्थगित कर दिया.
शैली ने खटखटाया था SC का दरवाजा
आम आदमी पार्टी मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबेराॅय मेयर का चुनाव बार-बार स्थागित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मेयर चुनाव में एल्डरमैन काउंसलर्स मतदान नहीं करेंगे. यही वजह है कि एमसीडी सदन की आज बुलाई गई बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव होने की पूरी उम्मीद है.
अभी तक क्यों नहीं हो पाए चुनाव
दिल्ली एमसीडी के मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों की वोटिंग का मसला चुनाव में हो रही देरी का मुख्य कारण थी. बीजेपी का कहना था कि मनोनीत सदस्यों को एमसीडी मेयर चुनाव में वोट देने का अधिकार है जबकि आप का कहना था कि मनोनीत सदस्यों का वोट करना संविधान के खिलाफ है. आप-बीजेपी के बीच जारी संघर्ष का मामला कोर्ट में पहुंचा और इस मामले पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मनोनीत सदस्यों को मेयर चुनाव में वोट करने का अधिकार नहीं होगा. कोर्ट के इस फैसले को आम आदमी पार्टी की जीत की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि इस फैसले के बाद लगभग तय माना जा रहा है कि एमसीडी में आप का ही मेयर बनेगा. इससे पहले एमसीडी की मेयर चुनाव को लेकर आहूत तीन बैठकों में मनोनीत पार्षदों की वोटिंग को लेकर बीजेपी-आप में सियासी विवाद देखने को मिला था. बीजेपी आप दोनों ने एक-दूसरे पर मेयर चुनाव ना कराने देने का आरोप लगाया था. दरअसल 6 जनवरी को हुई पहली बैठक में पीठासीन अधिकारी ने मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाना शुरू किया जिसके बाद आप पार्षदों ने इस पर आपत्ति जताई और हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. 24 जनवरी और 6 फरवरी को हुई सदन की बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकला. अब 22 फरवरी को मेयर चुनाव संपन्न हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.