Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों मच्छरजनित डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. अगस्त के पहले हफ्ते में डेंगू के 105 नए केस सामने आए, जो अब बढ़कर 348 तक पहुंच गया हैं. अब दिल्ली नगर निगम ने मच्छरजनित बीमारियों की रोक-थाम के लिए कमर कस ली है. एक तरफ लगातार निगम के कर्मचारी लार्वा और ब्रीडिंग की जांच के साथ जगह-जगह दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ नियमों का पालन न कर मच्छरों के पनपने में सहायक बन रहे लोगों का चालान भी किया जा रहा है.
दिल्ली नगर निगम द्वारा युद्धस्तर पर चलाए जा रहे इस अभियान के तहत जनस्वास्थ्य विभाग के ग्राउंड जीरो पर तैनात मलेरिया इंस्पेक्टर, डीबीसी कर्मचारी, फील्ड वर्कर और अधिकारी सभी क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर विशेष अभियान और जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. इसके लिए निगम के 3000 से ज्यादा डीबीसी कर्मचारी और 2000 फील्ड वर्कर मिशन मोड में मच्छरों की प्रजनन जांच एवं उसके नष्टीकरण में लगे हुए है. निगम के अनुसार जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जोन में एंटी लार्वा संबंधित जांच और उपाय किए जा रहे हैं.
अभी तक 2018 लोगों पर हुई कानूनी कार्रवाई
एंटी लार्वा जांच के दौरान केशवपुरम जोन में 209 घरों को नोटिस जारी किया गया. इन लोगों को एमसीडी की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन न करने को दोषी माना गया है. इसके अलावा, जांच के दौरान टीम को कई जगह ब्रीडिंग के सोर्स भी मिले थे. वहीं, इस वर्ष निगम ने 2269649 बार घरों का निरीक्षण किया, जिसमें 142206 घरों में मच्छरों का प्रजनन पाया गया. अब तक कुल 661709 घरों में कीटनाशक का छिड़काव किया जा चुका है और यह आगे भी जारी रहेगा. निगम ने डीएमसी अधिनियम के मलेरिया उपनियमों के तहत प्रावधान के अनुसार मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम के लिए कानूनी प्रवर्तन का भी सहारा लिया जा रहा है. निगम ने 92590 कानूनी नोटिस जारी किए हैं और 22018 लोगों पर कानूनी कार्रवाई की है.
जांच के दौरान मच्छरों के सबसे ज्यादा मामले यानी 37 प्रतिशत मामले कूलरों में पाया गया.
यह भी पढ़ें: Independence Day: दिल्ली सेवा कानून पर बोले सीएम अरविंद केजरीवाल- 'हमसे अधिकार छीन लिए, लेकिन हम...'