Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों मच्छरजनित डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. मौसमी ​बीमारियों की रोकथाम और मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए दिल्ली नगर निगम ने भी कमर कस ली है. युद्ध स्तर पर इसके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. एक तरफ जहां, दिल्ली के सभी 250 वार्ड में मशीनों की सहायता से फॉगिंग कर एंटी मॉस्किटो दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है, तो वहीं हर दिन लोगों के घर-घर जाकर लार्वा और ब्रीडिंग की भी जांच की जा रही है. 


एमसीडी की टीम को सर्वे के दौरान  इस बात के संकेत मिले हैं कि कुछ लोग मौसमी बीमारियों को लेकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे लोग दिल्ली में मच्छरों के पनपने में सहायक बन रहे हैं. एमसीडी की ओर से अपनी आदतों से बाज न आने वाले लोगों नोटिस भेजा जा रहा है, साथ ही उनका चालान भी किया जा रहा है.


नियंत्रण में मच्छरजनित बीमारियां


एमसीडी ने मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों का आंकड़ा तो नहीं दिया लेकिन यह दावा उनकी तरफ से जरूर किया जा रहा है कि मच्छरजनित बीमारियों को लेकर स्थिति नियंत्रण में है. निगम के अनुसार जांच के दौरान लापरवाही पाए जाने पर वे कार्रवाई से पीछे नहीं हट रहे हैं. बताया जा रहा है कि मच्छरों का लार्वा मिलने पर 1.29 लाख लोगों को नोटिस दिए गए हैं, जबकि 56 हजार के चालान काटे गए हैं. निगम का कहना है कि जो कार्रवाई की गई है, वह पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुने हैं.


निगमकर्मी घर-घर कर रहे लार्वा की जांच


एमसीडी के अनुसार पांच हजार कर्मचारी घर घर जाकर लार्वा की जांच कर रहे हैं. साथ ही जनस्वास्थ्य विभाग के ग्राउंड जीरो पर तैनात मलेरिया इंस्पेक्टर, डीबीसी कर्मचारी, फील्ड वर्कर और अधिकारी सभी क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर विशेष अभियान और जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. इसके अलावा, निगम की तरफ से कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है. इसके लिए नोटिस और चालान काटे जा रहे हैं। अभी तक निगम 2.85 करोड़ स्थानों पर लावों की जांच कर चुका है. पूरी दिल्ली में इस वर्ष 2.40 लाख जगहों पर लार्वा मिला है.


जनता को धोखा दे रही सरकार: राजा इकबाल 


एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने डेंगू-मलेरिया समेत मच्छरजनित अन्य बीमारियों के कारण उत्पन्न उतपन्न हुई स्थिति को लेकर आप सरकार को घेरते हुए कहा कि आप सरकार सिर्फ झूठी वाहवाही बटोरने में लगी है, जबकि डेंगू और मच्छरजनित अन्य बीमारियों के मामले में वास्तविकता कुछ और ही है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नगर निगम के पास मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिए प्रचुर मात्रा में कीटनाशक दवा नहीं है. उन्होंने कहा कि गरीब जनता के चालान काटे जा रहे हैं, जबकि इस स्थिति से निपटने आप शासित निगम का रवैया काफी उदासीन है. जबकि मच्छरजनित बीमारियों को लेकर आंकड़े न जारी करने को लेकर उन्होंने निगम शासित आप पर हमला बोलते हुए कहा कि आप सरकार दिल्ली की जनता को धोखा दे रही है, इसलिए डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों की वास्तविक स्थिति छिपाने के लिए आंकड़े जारी नहीं कर रही है.


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