Delhi Pollution and Parking Rate: दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान में पार्किंग दरों को बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. फिलहाल एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि मामला विचाराधीन है. वहीं सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के एक विश्लेषण के अनुसार, प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों के मामले में दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में वाहनों के उत्सर्जन का योगदान सबसे अधिक है. ऐसे में अगर पार्किंग के रेट्स बढ़ाए जाते हैं तो लोग महंगे पार्किंग रेट की वजह से गाड़ियां कम निकालेंगे और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
पार्किंग दरों में बढ़ोतरी पर, दक्षिण एमसीडी के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा कि, "इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है और इस पर विचार किया जा रहा है. इसे 2017 में लागू किया गया था लेकिन इसका रिस्पांस अच्छा नहीं रहा था. हमने तत्कालीन पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण को भी सूचित किया था, तब परिणाम संतोषजनक नहीं थे."
2017 में प्रदूषण बढ़ने के दौरान, साउथ सिविक बॉडी ने पार्किंग की संशोधित दरें 80 रुपये प्रति घंटे कर दी थीं. अधिकारी ने कहा कि ग्रेटर कैलाश 1 और 2 जैसे बाजार क्षेत्रों में, लोगों ने बढ़ी हुई दरों से बचने के लिए अपने वाहन मुख्य सड़कों और गलियों में पार्क करना शुरू कर दिया था. साथ ही जिन्हें अपनी कारों को बाहर निकालना पड़ता है, वे इसकी बिना परवाह किए निकालते हैं और पैसे बचाने के लिए वे सड़कों पर पार्किंग जैसे अन्य विकल्पों की तलाश करते थे. यह प्रणाली तभी काम करेगी जब सड़कों पर खड़े वाहनों को हटाने की उपाय बेहतर हों. फिलहाल अधिकारी ने कहा कि वे इस मामले पर आगे चर्चा करेंगे.
फिलहाल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में है और सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर केंद्र और दिल्ली, दोनों सरकारों को फटकार लगा चुकी है.
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