दिल्ली में 26 अप्रैल को होने वाला नगर निगम मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव टल गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक मेयर का चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति ही नहीं हो पाई है. जबकि इस चुनाव को लेकर चुनाव आयोग अपनी मंज़ूरी दे चुका है. चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान होने वाले इस मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर आयोग को कोई आपत्ति नहीं है. 


औपचारिक नोटिस जारी


बावजूद इसके मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अधर  में लटका गया. MCD ने इसके लिये औपचारिक नोटिस भी जारी कर दिया है. नोटिस में लिखा गया है कि मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी यानी प्रीसाइडिंग ऑफिसर तय नहीं होने के चलते चुनाव टाला गया है. हालांकि 26 अप्रेल यानि शुक्रवार को MCD हाउस की बैठक होगी बस मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं होगा.


आप ने उपराज्यपाल पर लगाया आरोप


आम आदमी पार्टी के नगर निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने उपराज्यपाल पर चुनाव रद्द कराने का आरोप लगाया. दुर्गेश पाठक ने कहा कि चुनाव आयोग की अनुमति के बावजूद उपराज्यपाल ने मेयर का चुनाव कैंसिल कर दिया है. उपराज्यपाल कारण बता रहे हैं कि चूंकि मुख्यमंत्री के सुझाव पर उपराज्यपाल काम करते हैं और अभी मुख्यमंत्री मौजूद नहीं है क्योंकि वो जेल में हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा कि ये कैसा मज़ाक़ है. अब तक मुख्यमंत्री का उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री का कन सा सुझाव लिया है?


'...तो कुछ भी कर सकते हैं'


पिछली बार नियम के विरुद्ध जाकर सीएम के सुझाव के ख़िलाफ़ उपराज्यपाल ने पीठासीन ऑफ़िसर की नियुक्ति की थी. कल मेयर का चुनाव होना था, आज इसे कैंसिल कर दिया गया है. दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि आज अगर मेयर का चुनाव होने से रोक सकते हैं तो कुछ भी कर सकते हैं. आज पूरी दिल्ली से दलित समाज के लोगों के फ़ोन आ रहे हैं. पांच साल में एक बार दलित समाज के व्यक्ति को मेयर बनने का मौक़ा मिलता है लेकिन वो मौक़ा भी बीजेपी के LG ने छीन लिया है.


इस चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी आज एक प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिये कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि मेयर के चुनाव के लिये अभी तक पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है. इससे एक नए तरीके के संवैधानिक संकट लाने की कोशिश की जा रही है. पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के बिना मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो सकते हैं. 


सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव को संपन्न कराने के लिए पीठासीन अधिकारी की जो फाइल चुने हुए मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय के बाद उपराज्यपाल के पास जानी थी, वो फाइल चोरी छिपे LG के पास भेज दी गई और LG केरल में मौजूद हैं. तय प्रक्रिया तो ये है कि आउटगोइंग मेयर ही पीठासीन अधिकारी बनेगा, लंबे समय से यही नियम और प्रक्रिया का पालन हो रहा था. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी के LG इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. 


MCD मेयर चुनाव के लिए कैसे होता है पीठासीन अधिकारी का चुनाव?


दरअसल दिल्ली सरकार पीठासीन अधिकारी का नाम तय कर मुख्यमंत्री की सहमति वाली फाइल अप्रूवल के लिये उपराज्यपाल के पास भेजती है.  जिसके बाद उपराज्यपाल की अनुमति के आधार पर मेयर चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति होती है. आमतौर पर मौजूदा मेयर ही नए मेयर का चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है. 


क्यों फंसा मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव?


आम आदमी पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित पीठासीन अधिकारी का नाम ना स्वीकार कर अपनी तरफ़ से किसी दूसरे पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर सकते हैं जिसके बाद मेयर का पद आम आदमी पार्टी के हाथों से फिसल सकता है. यही वजह है कि उपराज्यपाल इसमें देरी कर रहे हैं. 


वहीं सूत्रों की मानें तो उपराज्यपाल नियम का हवाला देते हुए ये कह रहे हैं कि जब तक मुख्यमंत्री की तरफ़ से पीठासीन अधिकारी के नाम की फ़ाइल उन तक नहीं आती तब तक वो इसकी स्वीकृति नहीं दे सकते हैं.क्योंकि दिल्ली सरकार की कथित शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फ़िलहाल जेल में बंद हैं और जेल से वो किसी भी तरह की फ़ाइल साइन कर स्वीकृति के लिए उपराज्यपाल को नहीं भेज सकते हैं. ऐसे में उप राज्यपाल की तरफ़ से भी किसी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई और चुनाव टल गया.


मेयर और डिप्टी मेयर का उम्मीदवार


इस साल दिल्ली नगर निगम के महापौर का पद इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस बार एमसीडी के निर्वाचित अनुसूचित जाति में से ही कोई एक पार्षद मेयर बन सकता है. ऐसे में AAP ने महेश खिची को मेयर पद का और रमेश भारद्वाज को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है. जबकि बीजेपी ने किशन लाल को मेयर और नीता बिष्ट को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया है. 


वही इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस इस चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन दे रही है. आंकड़ों को देखें तो आम आदमी पार्टी के पास मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीतने के लिए पूर्ण बहुमत है. 


क्या है MCD का सियासी समीकरण?



  • मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में कुल 250 निर्वाचित पार्षद हैं. इसके अलावा 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सदस्य और स्पीकर द्वारा मनोनीत 14 विधायक वोट डालते हैं. कांग्रेस के 9 कुल पार्षद आम आदमी पार्टी को वोट करेंगे. 

  • आम आदमी पार्टी के पास 134 पार्षद हैं. एक निर्दलीय, 3 राज्यसभा सांसद और 13 विधायकों मनोनीति विधायक हैं.

  • बीजेपी के पास 104 पार्षद, निर्दलीय 1, सांसद 7, स्पीकर द्वारा मनोनीत एक विधायक हैं.

  • एमसीडी आंकड़ों के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में AAP की जीत तय मानी जा रही है. 


स्पीकर ने 14 विधायकों को किया मनोनीत


दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दिल्ली नगर निगम में प्रतिनिधित्व के लिए मंगलवार को 14 विधायकों को मनोनीत किया. मनोनीत विधायक मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए मतदान करेंगे. जिन लोगों को स्पीकर ने मनोनीत किया, उनमें बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा सहित आप विधायकों में धनवंती चंदेला, अजय दत्त, अजेश यादव, बंदना कुमारी, दिलीप कुमार पांडे, हाजी युनुस, पवन शर्मा, प्रवीण कुमार, प्रीति जितेन्द्र तोमर, शरद कुमार चौहान, शिवचरण गोयल, सोम दत्त और विशेष रवि का नाम शामिल है. 


हालांकि अभी तक LG ने मेयर चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी  की नियुक्त से जुड़ी फाइल सरकार को नहीं भेजी है ऐसे में मेयर चुनाव को लेकर अभी संशय बरकरार है कि ये 26 अप्रेल को ही हो पायेगा या नहीं. 


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