MCD Mayor chunav: एक बार फिर दिल्ली नगर निगम मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. मेयर और डिप्टी मेयर पद पर चुनाव को लेकर किसी भी समय नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. चुनाव परिणाम को लेकर लगभग स्थिति स्पष्ट है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए बीजेपी की यह कोशिश होगी कि जैसे-तैसे 15 साल बाद एमसीडी में खोए जनाधार के बावजूद मेयर सीट पर जीत को लेकर आम आदमी पार्टी के चक्रव्यूह को तोड़ दिया है. बस, बीजेपी की मेयर चुनाव को लेकर यही सक्रियता आप के लिए मुसीबत है. ऐसा इसलिए कि अगर बीजेपी आप के डेढ़ से दो दर्जन पार्षद को तोड़ने में कामयाब होती है तो लोकसभा चुनाव में इसका बड़ा मैसेज जाएगा और सीएम अरविंद केजरीवाल की चुनावी योजनाओं की राह मेें बड़ी बाधा भी साबित हो सकता है. 
 
दरअसल, दिल्ली मेयर को चुनाव चौथी बार सदन आहूत होने पर हुआ था, वो भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर. पहले तीन चरणों में बीजेपी और आप के बीच हंगामे की वजह से चुनाव स्थगित कर दिया गया है. चूंकि, 31 मार्च को शैली गुप्ता का कार्यकाल समाप्त हो गया है. अब नये सिरे से मेयर का चुनाव होना है. चुनाव की प्रक्रिया किसी भी समय शुरू होने की संभावना है. एमसीडी की आगामी बैठक में मेयर चुनाव की तिथि पर फैसला लिया जाएगा, लेकिन चुनावी प्रक्रिया उससे पहले शुरू हो जाएगी. 


इस बार भी मेयर चुनाव में खेला की चर्चा क्यों?


एमसीडी में इस बार बहुमत का आंकड़ा आप के पक्ष में है. 274 में से 150 वोट आप के पास हैं. 116 वोट बीजेपी के पास हैं. बीजेपी को अपना मेयर प्रत्याशी जिताने के लिए आप के कम से कम 20 पार्षदों को अपने पक्ष में करना होगा. यह टास्क बीजेपी के लिए आसान नहीं है. अगर ऐसा है तो फिर इस बात की चर्चा क्यों होती है कि इस बार भी खेला होगा? यहां पर एक पेंच यह है कि अगर अभी तक की सूचना के मुताबिक आप की ओर से शैली ओबेराॅय को ही दूसरी बार भी मेयर प्रत्याशी आप की ओर से बनाया जाता है तो उस स्थिति में नियमानुसार आप को पीठासीन अधिकारी होना मुश्किल है. ऐसा इसलिए कि निवर्तमान मेयर का दोबारा मेयर प्रत्याशी बनने पर उसे पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया जा सकता है. ऐसे में पीठासीन अधिकारी तय करने का अधिकार एलजी विनय सक्सेना करेंगे. इस स्थिति में बीजेपी कोशिश करेगी कि वो परदे के पीछे से अपना मेयर बना ले. हालांकि,   बीजेपी के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं होगा. फिर आप के नेताओं को पूर्व मेयर प्रत्याशी रेखा गुप्ता की वो बातें भी सता रही है कि जो उन्होंने शैली ओबेराॅय के मेयर बनने के बाद सदन की पहली बैठक में कही थी. रेखा गुप्ता ने आप पार्षदों के यह कहने पर कि बीजेपी केा विपक्ष में बैठने की आदत डाल लेनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि बीजेपी विपक्ष में बैठने के लिए नहीं है. यही वो लाइन है, जिसकी वजह से आप नेता हमेशा दबाव में रहते हैं कि कहीं बीजेपी आपरेशन लोटस को दिल्ली में भी अंजाम न दे दे. 


34 मतों से शैली ने रेखा को दी थी मात


बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में 250 वार्डों पर 7 दिसंबर को घोषित चुनाव परिणाम के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज करते हुए बीजेपी को हरा दिया. एमसीडी में एकीकरण के बाद पहली बार हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 250 में से 134 सीटों पर जीत हासिल की. 15 सालों से एमसीडी में काबिज रही बीजेपी 181 से 104 सीटों सिमट गई. दिल्ली कांग्रेस केवल 9 सीटों पर सिमट कर रह गई. 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. 22 फरवरी 2022 को संपन्न मेयर चुनाव में आप प्रत्याशी शैली ओबेरॉय को मेयर चुना गया था.शैली को 150 वोट मिले.उन्होंने बीजेपी की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया.


यह भी पढ़ेंः  Loksabh Election 2024 से पहले जनता की नब्ज टटोलने में जुटे दिल्ली में बीजेपी सांसद, जानें क्या है योजना