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MCD Mayor Election: क्या अब अप्रैल में होगा एमसीडी के मेयर का चुनाव, जानें- आखिर क्यों उठा ये सवाल?
MCD Mayor Election 2023: आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली में पीठासीन अधिकारी के बदलने की मांग पर 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, इसके बाद ही दिल्ली को अपना नया मेयर मिल पाएगा.
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Delhi MCD Mayor Election: दिल्ली में एमसीडी चुनाव (MCD Mayor Election) के नतीजों को आये ढाई महीने का वक्त बीत चुका है और इसके बाद 3 बार सदन की बैठक बुलाई जा चुकी है लेकिन लगातार हंगामे के बाद अब तक एमसीडी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है. दरअसल, आम आदमी पार्टी एल्डरमैन के वोटिंग अधिकार को लेकर लगातार विरोध में थी जिसके बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया था और चुनाव कराने की गुहार लगाई थी.
इसी बीच 16 फरवरी को मेयर चुनाव की तारीख तय की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 तारीख को सुनवाई की तारीख तय की है, जिसमें आप द्वारा पीठासीन अधिकारी के बदलने की मांग पर सुनवाई की जाएगी. अब यह साफ हो गया है कि 17 फरवरी के बाद ही दिल्ली को अपना नया मेयर मिल पायेगा. जहां तक एल्डरमैन के वोटिंग को लेकर विवाद चल रहा था, उस पर कोर्ट टिप्पणी कि एल्डरमैन सदन में वोटिंग नहीं कर सकते.
अप्रैल में फिर से होना है मेयर चुनाव
कोर्ट के फैसले के बाद ये लगभग तय हो चुका है कि मेयर AAP का ही बनने जा रहा है लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या 17 फरवरी के बाद दिल्ली को मेयर मिल पायेगा? दरअसल 31 मार्च को एमसीडी का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जिसके बाद अप्रैल में नए सिरे से फिर से मेयर का चुनाव होना है. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 तारीख को सुनवाई करने वाली है. ऐसे में अहम सवाल ये उठता है कि क्या आम आदमी पार्टी एक महीने के लिए मेयर बनाएगी या फिर इस चुनाव को अप्रैल के लिए टालेगी?
पीठशीन बदलने की मांग पर 17 को होनी है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार ने बताया कि इसे लेकर शुरू से ही पार्टी बहुत स्पष्ट थी क्योंकि एल्डरमैन को वोटिंग का अधिकार नहीं है और अब कोर्ट ने भी इसे स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी की एक और मांग है कि पीठाशीन अधिकारी को बदला जाए, जिस पर 17 फरवरी को सुनवाई होनी है, इसलिए 16 तारीख को बुलाई गई सदन की बैठक स्थगित हो गयी है.
अब मेयर का चुनाव 17 तारीख के बाद, सुप्रीम कोर्ट के नतीजे आने के बाद ही संभव हो पायेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव हो और दिल्ली के रुके हुए कामों को आगे बढ़ाया जाए. उनका कहना है कि अब तक मेयर नहीं चुने जाने से एमसीडी अपना बजट नहीं पेश कर पाई है. सफाईकर्मी, लाइनमैन सहित डॉक्टरों और टीचरों को सैलरी नहीं मिल पाई है क्योंकि कॉर्पोरेशन के पास फंड ही नहीं है. इसलिए जब तक मेयर नहीं चुना जाता, तब तक ग्राउंड पर समस्याएं बनी रहेंगी. हालांकि उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि अब जल्दी ही दिल्ली को मेयर मिल जाएगा.
क्या आप बनाएगी एक महीने के लिए कोई मेयर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी एक महीने के लिए अपना मेयर बनाना नहीं चाहती है. वो चाहती है कि किसी तरह से मेयर का चुनाव अप्रैल तक टल जाए क्योंकि एक महीने के लिए जो भी मेयर बनेगा उसके पास करने के लिए कुछ भी नहीं होगा और संभव है कि इस दौरान विकास की योजनाओं को लेकर भी कुछ खास निर्णय नहीं हो पाएंगे. हालांकि आप इस मामले में कुछ भी खुल कर बोलने से बच रही है.
बीजेपी ने कहा- आप के पास बहुमत फिर क्यों भाग रही चुनाव से?
वहीं इस मामले में पूर्व मेयर और दिल्ली बीजेपी के नेता नरेंद्र चंचल ने कहा कि उन्हें अभी भी समझ मे नहीं आ रहा है कि आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव से क्यों भाग रही है, जबकि उन्हें एमसीडी में जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है. उन्हें चाहिए था कि मेयर का चुनाव कराकर दिल्ली के विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं. वहीं एल्डरमैन के वोटिंग को लेकर उन्होंने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि वो वोटिंग नहीं कर सकते हैं तो वो वोटिंग नहीं करेंगे. हालांकि इससे पहले कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी इसलिए कभी उनके मतदान की जरूरत भी नहीं पड़ी. फिर भी आप के पास बहुमत है और एल्डरमैन के मतदान से मेयर चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था.
'मेयर के चुनाव को अब टालना नहीं चाहिए'
वहीं राजनीतिक विश्लेषक रॉबिन शर्मा ने कहा कि दोनों पार्टियों को चाहिए कि शांति से मेयर का चुनाव करा कर वो दिल्ली के विकास और जनता के हित में काम करें. उन्होंने कहा कि एक महीने के बाद मेयर का चुनाव फिर से होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मेयर आम आदमी पार्टी का ही बनना है तो क्या फर्क पड़ता है. उन्होंने कहा कि जो भी होगा आम आदमी पार्टी का ही होगा और दिल्ली एमसीडी के इतिहास में मेयर के रूप में उसका नाम अमर हो जाएगा. दिल्ली को मेयर चाहिए जो आम आदमी पार्टी का ही बनने जा रहा है, इसलिए उन्हें इस सोच से ऊपर उठ कर जनहित के बारे में सोचना चाहिए.
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