Delhi MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) का चुनाव पिछले साल दिसंबर महीने में ही सम्पन्न हो गया था, लेकिन दिल्ली को अपने नए मेयर के लिए ढाई महीनों से भी ज्यादा वक्त का इंतजार करना पड़ा था. बीजेपी (BJP) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के बीच चल रही खींचतान की वजह से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के हस्तक्षेप के बाद मेयर का चुनाव हो पाया. ऐसे में पिछले महीने 22 फरवरी को दिल्ली को शैली ओबरॉय (Shelly Oberoi) के रूप में महिला मेयर मिली, लेकिन अब तक स्टैंडिंग कमिटी को लेकर दोनों दलों के बीच रस्साकसी जारी है. बीजेपी ने चुनाव हो जाने के बाद भी इसे रद्द कर फिर से चुनाव कराने के आप के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी डाली है.


इस मामले में 24 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इससे पहले 31 मार्च को ही इस सदन का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में फिर से मेयर, उपमेयर और स्टैंडिंग कमिटी का चुनाव अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में संभावित है. आम आदमी पार्टी की मेयर शैली ओबरॉय को अपने सवा महीने के कार्यकाल के दौरान ज्यादा कुछ करने का वक्त नहीं मिला, लेकिन पहली बार पार्षद और मेयर बनने के बाद भी जिस तरह से उन्होंने सदन में मेयर की जिम्मेदारियों को अंजाम दिया, हंगामों को संभाला और इतने कम समय मे लैंडफिल साइट का मुआयना, वेस्ट मैनेजमेंट और स्कूल-हॉस्पिटलों का निरीक्षण किया. उससे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनसे काफी खुश नजर आ रहा है.


आले मोहम्मद इकबाल के नाम पर भी लग सकती है मुहर


आम आदमी पार्टी के सूत्रों की मानें तो शीर्ष नेतृत्व एक बार फिर से मेयर के लिए शैली ओबरॉय और डिप्टी मेयर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल पर भरोसा जता सकती है. वहीं सदन के नेता मुकेश गोयल को भी पार्टी फिर से सदन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दे सकती है. चूंकि एमसीडी की इस टीम को काम करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिला है और इस दौरान मेयर ने प्रभावशाली तरीकों से अपनी जिम्मेदारी निभाई है, इसलिए पार्टी एक बार फिर से मेयर और उपमेयर के चुनाव के लिए इन दोनों के नाम और मुहर लगा सकती है. वहीं वरिष्ठ होने के नाते मुकेश गोयल को नेता सदन की जिम्मेदारी दी जानी तय मानी जा रही है, क्योंकि इसके लिए चुनाव की आवश्यकता नहीं होती है. सत्ताधारी पक्ष के पत्र के आधार पर नेता सदन की नियुक्ति होती है.


स्थाई समिति को लेकर अभी भी संशय


बात करें स्थाई समिति के सदस्यों की तो नए वित्तीय वर्ष में होने वाले चुनाव में कमेटी के 50 प्रतिशत सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है. अब तक स्थाई समिति का गठन की नहीं हो पाया है और इसके लिए कोर्ट में अगले महीने 24 अप्रैल को सुनवाई होनी है, इसलिए इसके चुनाव को लेकर अभी संशय की स्थित बनी हुई है. इसके लिए निगम सचिव कार्यालय को निर्णय लेना होगा, जिसके आधार पर चुनाव की प्रक्रिया तय होगी.


शैली ओबेरॉय करेंगी बैठक की तारीख की घोषणा


दिल्ली नगर निगम में महापौर निर्वाचित होने के बाद सदन की बैठक बुलाना और तारीख तय करने का अधिकार मेयर के पास होता है. ऐसे में मार्च के अंत में या फिर अप्रैल महीने की तीन तारीख को शैली ओबरॉय के पास फिर से चुनाव कराने की फाइल आ जाएगी. इसमें उन्हें अप्रैल में होने वाली सदन की पहली बैठक बुलाने की तारीख तय करनी होगी. तय तारीख पर चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इससे पहले नामांकन की प्रक्रिया होगी. अगर, आम आदमी पार्टी फिर से शैली ओबेरॉय को मौका देगी, तो उन्हें फिर से नामांकन करना होगा.


उम्मीदवार उतारने के लिए मंथन कर रही बीजेपी


वहीं बीजेपी आगामी वित्तीय वर्ष में फिर से होने वाले मेयर और उपमेयर चुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर मंथन कर रही है. इस बार के मेयर और उपमेयर चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में कम ही संभावना है कि बीजेपी फिर से इन पदों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेगी.


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