MCD Mayor Election: एमसीडी मेयर पद का चुनाव लड़ने को लेकर सात दिसंबर के बाद से जारी उहापोह से 18 दिन बाद ही सही भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) बाहर निकल आई है. रविवार को पार्टी नेताओं की उच्च स्तरीय बैठक में आप ( AAP ) के लिए मैदान खुला छोड़ने और सियासी पकड़ बनाए रखने के लिए पार्टी ने सभी पदों पर चुनाव लड़ने फैसला लिया है. बीजेपी के इस फैसले ने आम आदमी पार्टी की चिंता बढ़ा दी है. आप कहेंगे कि आप के पास बहुमत है तो चिंता किस बात की तो आपको बता दें कि एमसीडी मेयर ( MCD Mayor election ) पद के चुनाव में दल बदल कानून लागू नहीं होता है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के करीबी व नाराज आप पार्षद   अपने ही आलाकमान को गच्चा दे सकते हैं. इस ​बात की चिंता चुनाव परिणाम आने के बाद खुद आप नेताओं ने जाहिर की थी. 


दरअसल, दिल्ली नगर निगम में 15 साल तक सत्तारूढ़ रहीं बीजेपी चुनाव में आप को कड़ी टक्कर देने के बाद महापौर व उप महापौर के साथ ही स्थायी समिति के चुनाव में भी चुनौती देने की तैयारी में जुट गई है. पार्टी ने फैसला लिया है कि वह सभी पदों के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगी. बीजेपी की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा नामांकन के अंतिम दिन यानि 27 दिसंबर की सुबह तक होने की संभावना है. 


अब दिलचस्प हुआ Mayor का चुनाव 
एक दिन पहले प्रदेश बीजेपी की शीर्ष बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अकेले आप के लिए मैदान खाली न छोड़ा जाए और पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़े. बीजेपी के इस फैसले की वजह से छह जनवरी को होने वाला चुनाव दिलचस्प हो गया है. अब मेयर डिप्टी मेयर पद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ ही निर्दलीय पार्षदों की भूमिका काफी अहम हो गया है. भाजपा के इस फैसले के बाद से आम आदमी पार्टी अपने तीनों पार्षदों को एकजुट रखने की चिंता सताने लगी है. 


ये है MCD में सियासी समीकरण 
बता दें कि एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 250 सीटों में से 134 सीटों पर जीत दर्ज की है. भाजपा के खाते में 104 ही सीटें आई हैं. दोनों के बीच जीत का अंतर महज 30 सीटों का है. कांग्रेस पार्टी के खाते में नौ तथा तीन निर्दलीय पार्षद हैं. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 13 आम आमदी पार्टी व एक भाजपा के विधायक के साथ दिल्ली के सभी लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों की भी भूमिका अहम होगी. मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ 14 नोमिनेटेड विधायक भी वोट डालेंगे। यानि चुनाव में कुल वोट 250 के बदले 273 हैं। किसी पार्टी को मेयर पद पर अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए 137 वोटों की जरूरत पड़ेगी. आम आदमी पार्टी के पास 150 वोट हैं। इस लिहाज से आप की जीत तय है, लेकिन आप के कुछ असंतुष्ट पार्षदों ने विरोध में वोट डालने का फैसला लिया और भाजपा को कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों का साथ मिल जाए तो आप की जीत की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है, लेकिन होने की उम्मीद बहुत कम है. 


एक दिन पहले तक बीजेपी के अंदर महापौर चुनाव को लेकर उहापोह की स्थिति थी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव न लड़ने की बात कहीं गई थी, फिर असमंजस की स्थिति देखी गई. आखिरकार पार्टी ने इस चुनावी अखाड़े भी प्रत्याशी उतारने का फैसला रविवार को ले लिया. आम आदमी पार्टी ने महापौर पद के लिए शैली ओबराय व उप महापौर के लिए आले मोहम्मद इकबाल के नाम की घोषणा पहले ही कर दी है. पहली बार महापौर का कार्यकाल महज तीन माह का ही होगा. एमसीडी एक्ट के मुताबिक चुनाव की यह प्रक्रिया फिर अप्रैल माह में दोहराई जाएगी. एक्ट के मुताबिक निगम की पहली मेयर महिला होंगी.


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