MCD Mayor Election: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बोले- 'अगर 24 फरवरी तक नहीं हुआ मेयर का चुनाव तो...'
Delhi Mayor Election: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने पूछा कि सात दिसंबर को दिल्ली नगर निगम चुनाव का परिणाम आने के बाद आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली, फिर क्यों वह घबराई है.
Anil Chaudhary On MCD Mayor Election: दिल्ली (Delhi) प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि बीजेपी (BJP) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) वजह से इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुए चुनावों के 2 महीनों बाद भी मेयर का चुनाव नहीं हो सका है. 16 फरवरी को मेयर चुनाव के लिए चौथा प्रयास होना था, वह भी आम आदमी पार्टी की ओर से दायर याचिका की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई टलने के कारण नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव टालने के लिए हर बार कोई न कोई मुद्दा उठा रहे, जिसकी वजह से दिल्ली की जनता का नुकसान हो रहा है.
अनिल चौधरी ने आगे कहा कि सात दिसंबर को दिल्ली नगर निगम चुनाव का परिणाम आने के बाद आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली, फिर क्यों वह घबराई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मेयर चुनाव से अलग रहने का फैसला पहले ही लिया है. फिर दोनों पार्टियां विवाद छोड़कर मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव नियमों के अनुसार होने दें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनवाई की तारीख 17 फरवरी निश्चित करने के बाद यह संभव है कि मेयर चुनाव अभी जल्दी नहीं होगा.
'एमसीडी के पार्षद हो जाएंगे अयोग्य'
कांग्रेस नेता ने कहा कि निर्वाचित पार्षदों को शपथ 24 जनवरी को दिलाई गई थी. 30 दिनों के अंदर उन्हें अपनी सम्पति ब्यौरा मेयर को देना होगा, यदि 24 फरवरी तक बीजेपी और आम आदमी पार्टी में गतिरोध उत्पन्न रहने की वजह से मेयर चुनाव नहीं होता है, तो कानूनी रूप से पार्षद स्वत: ही अयोग्यता का कारण बन जाएंगे. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के सत्ता के लालच की वजह से एमसीडी सदन में मेयर चुनाव नहीं होने की वजह से संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके लिए दोनो पार्टियां जिम्मेदार हैं.
'बीजेपी-आप की अलोकतांत्रिक लड़ाई का कांग्रेस करती है विरोध'
उन्होंने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी की एमसीडी में सत्ता की अलोकतांत्रिक लड़ाई का कांग्रेस विरोध करती है, क्योंकि दोनों पार्टियों की नूरा-कुश्ती की वजह से दिल्ली की जनता के हितों का नुकसान हो रहा है. दोनों दल जान बूझकर साजिश के तहत सदन में और सदन के बाहर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर लड़ाई लड़ रहे हैं, ताकि दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेही से बच सकें.
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