MCD Mayor Elections : तीसरी बार क्यों टला मेयर का चुनाव, 10 प्वाइंट्स में समझिए पूरा विवाद
MCD Mayor Elections 2023: एमसीडी मेयर का चुनाव टलने के बाद AAP ने बीजेपी के खिलाफ सड़क, सदन और अदालत तक मोर्चा खोलने के संकेत दिए हैं, तो बीजेपी ने AAP के खिलाफ सियासी लड़ाई तेज कर दी है.
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MCD Mayor Election Controversy: दिल्ली नगर निगम चुनाव परिणाम आने के दो माह बाद भी अभी तक मेयर (MCD Mayor Elections) नहीं चुने जा सके हैं. जबकि एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) अपने दम पर बहुमत हासिल करने में सफल हुई है. मेयर चुनाव के लिए एमसीडी सदन की तीन बार बैठक बुलाई गई. तीनों बार आप और बीजेपी (BJP) पार्षदों के बीच तीखी नोंकझोक की वजह से पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने मेयर चुनाव को आगे के लिए टाल दिया. सोमवार को तीसरी बैठक में वही हुआ जो पहले के दो बैठकें में हुए .
तीसरी बार मेयर का चुनाव टलने के बाद जहां आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ सड़क, सदन और अदालत तक मोर्चा एक साथ खोलने के संकेत दिए हैं, तो बीजेपी ने भी आप के खिलाफ सियासी लड़ाई तेज कर दी है.आइए, हम आपको बताते हैं कि क्या है आप और बीजेपी के बीच का पूरा सियासी विवाद.
1. एमसीडी मेयर चुनाव 2022 का परिणाम बीजेपी के खिलाफ गया. 15 साल बाद बीजेपी को इस बार आप एमसीडी की सत्ता से बेदखल करने में कामयाब हुई. इसके बावजूद बीजेपी एमसीडी सत्ता की बागडोर को अपने नियंत्रण में बनाए रखना चाहती है.
2. बीजेपी के नेताओं का यह कहना कि मेयर तो उनका ही बनेगा. आप के पार्षद पार्टी नेतृत्व के फैसले से नाराज हैं और वो आप मेयर प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव के दौरान वोट करेंगे.
3. एमसीडी चुनाव परिणाम आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने 14 विधायकों को एमसीडी के लिए मनोनीत किए. इनमें एक विधायक बीजेपी से हैं और 13 विधायक आप के हैं. बीजेपी ऐसा मानकर चल रही है कि एमसीडी मेयर चुनाव से पहले विधानसभा स्पीकर ने विधायकों को नामित कर मेयर पद पर आप की जीत को पुख्ता करने की कोशिश की है.
4. इसके जवाब में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने एमसीडी के 12 जोन में से तीन जोन में 10 एल्डरमैन काउंसलर्स नियुक्त कर दिए. ये सभी बीजेपी से जुड़े लोग हैं.नियमानुसार ये लोग चुनाव में वोट भी कर सकतें.
5. एलजी के इस कदम से एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन पद पर अपने प्रत्याशी को जिताना आपके के लिए मुश्किल हो गया है. यहां पर इस बात को जानना भी जरूरी है कि स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन का पद अहम होता है. स्टैंडिंग कमेटी के पास ही वित्तीय प्रस्ताव और अहम परियोजनाओं पर आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी होती है.
6. आप के नेता इस बात को लेकर भी दुविधा में है कि बीजेपी नेता किस आधार पर दावा कर रहे हैं कि मेयर तो उन्हीं का होगा. बीजेपी नेताओं के इन बयानों से आप इस बात को लेकर आशंकित है कि बीजेपी वाले कहीं आपरेशन लोटस दिल्ली में भी तो नहीं चला रहे हैं.
7. आप नेताओं के पास सदन में बहुमत है. वो चाहते हैं कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी का चेयरमैन पद उनके पास ही रहे. बीजेपी इनमें से कम से कम स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन का पद किसी भी हाल में हासिल करना चाहती है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी बैकडोर से निगम की सत्ता को बहुत हद तक नियंत्रत कर सकेगी.
8. आप नेता चाहते हैं कि स्टैंडिंग कमेटी का पद बीजेपी के हिस्से में ना जाए. इस बात को तय करने के लिए आप नेता एलजी द्वारा नामित एल्डरमैन काउंसलर्स को मेयर चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं देना चाहते हैं. इसके उलट पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने एक दिन पहले एलान कर दिया कि तीनों सीटों पर चुनाव में एल्डरमैन काउंसलर्स वोटिंग कर सकते हैं.
9. आप नेताओं को लगता है कि एमसीडी चुनाव में बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी वाले उन्हें उनका लोकतांत्रिक हक नहीं दे रहे. मेयर के चुनाव में बीजेपी जान बूझकर अड़ंगा डाल रही है.
10. दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं की कोशिश है कि एमसीडी में आप को पूरी तरह से हावी से होने से रोकना होगा. ऐसा न होने पर बीजेपी लंबे समय के लिए विधानसभा और एमसीडी की सत्ता से बेदखल हो जाएगी, जो पार्टी के हित में नहीं होगा. कहने का मतलब यह है कि आप जहां एमसीडी को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लेकर बीजेपी को दिल्ली की पूरी राजनीति से ही उखाड़ फेंकना चाहती है, तो बीजेपी की मंशा है कि उसकी कम से कम दिल्ली एमसीडी में पकड़ बनी रहनी चाहिए. नहीं तो इसका गलत मैसेज जाएगा. यानि आप और बीजेपी के बीच एमसीडी मेयर का चुनाव सियासी अस्तित्व का सवाल है.
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