MCD Parking Fee: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने शनिवार को दावा किया कि बीजेपी (BJP) शासित दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) को पार्किंग शुल्क के कलेक्शन में अनियमितताओं के कारण 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.


AAP ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) से जांच के आदेश देने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है.


AAP विधायक दुर्गेश पाठक (Durgesh Pathak) ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एमसीडी ने पार्किंग शुल्क लेने के लिए एक कंपनी को टेंडर दिया, लोगों ने कुल 1.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन एकत्रित राशि एमसीडी तक कभी नहीं पहुंची. 


उन्होंने आगे कहा कि यह मामल अदालत में भी गया. अदालत के आदेश के बावजूद कंपनी ने पैसे का भुगतान नहीं किया और एमसीडी ने अपना लाइसेंस निलंबित कर दिया. उस कंपनी के मालिकों ने एमसीडी को धोखा देने के लिए कई कंपनियां खोलीं. इसकी वजह से एमसीडी को 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.


उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को पता होना चाहिए कि धरतेरस के दिन एमसीडी कैसे दिवालिया हो गई. उनके पास वेतन देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं. उनके पास अपने मूल कर्तव्यों को निभाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, बावजूद इसके तथ्य यह है कि वे उसी के लिए दिल्ली के लोगों से कर प्राप्त करते हैं.


कंपनी पर पार्किंग शुल्क भी ज्यादा लेने का आरोप


दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक कंपनी थी, जिसे एमसीडी से टेंडर दिया गया था कि वह शहर में पार्किंग का प्रबंधन करे, लोगों से पार्किंग शुल्क वसूल करे और उसे एमसीडी के खजाने में जमा करे. उन्होंने कहा कि कंपनी ने पार्किंग स्थल चलाना शुरू कर दिया, उसकी ओर से ली जाने वाली फीस बहुत अधिक थी. उन्हें 20 रुपये चार्ज करने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने एक वाहन पार्क करने के लिए 40-60 रुपये के बीच चार्ज किया. पार्किंग शुल्क लेने के बाद उन्होंने वह पैसा एमसीडी के खाते में जमा नहीं किया.


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दुर्गेश पाठक ने बताया- कैसे हुआ 6 करोड़ रुपये का बकाया?


AAP विधायक ने दावा किया, "मामला अदालत में पहुंचा और 2022 में, कंपनी को एक निश्चित तारीख तक पैसे का भुगतान करने का आदेश दिया और डिफॉल्ट के मामले में एमसीडी कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर सकता है. कंपनी ने उस तारीख तक पैसा जमा नहीं किया और लाइसेंस रद्द करने के साथ एमसीडी को ब्लैकलिस्ट किया गया."


उन्होंने आगे कहा, "हालांकि एमसीडी को 1.5-2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि कंपनी ने पैसे का भुगतान नहीं किया था, मामला यहीं समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन जो लोग इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को चला रहे थे, उन्होंने एक और कंपनी बनाई और उन्होंने फिर से टेंडर मिला. पहले जहां 1.5 करोड़ रुपये तक बकाया था, अब वे 6 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं."


AAP विधायक बोले- उपराज्यपाल को लिखेंगे पत्र


दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि बीजेपी पिछले 15 सालों से एमसीडी में शासन कर रही है. उन्होंने सवाल किया, "क्या बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बदले में रिश्वत लिए बिना इतने बड़े कृत्य को अंजाम देना संभव है?" उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हम यह जानकारी देने के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखेंगे. हमें उम्मीद है कि वह सभी मामलों में जांच के आदेश देंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे."