MCD Politics:  दिल्ली नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को लेकर ​आप और बीजेपी के बीच टकराव कम होने के आसार बहुत कम हैं. दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी विवाद कम होने के बजाय और ज्यादा गहरा गया है. विवाद कब तक जारी रहेगा, इसके बारे में अभी कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता. हो सकता है कि यह विवाद लंबा खिच जाए. ऐसा इसलिए कि दोनों में से कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है. फिर, बीजेपी यह मानकर चल रही है कि विवाद खिचने में उसका कोई नुकसान नहीं है. यही आप की सबसे बड़ी चिंता भी है. 


दरअसल, आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है. एमसीडी में भी आप सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है. इस लिहाज से देखें तो दिल्ली की किसी भी समस्या का समाधान निकालने की अपेक्षा लोग आप सरकार से कही करेंगे. बस, बीजेपी इसी का लाभ उठाकर विवाद को लंबा खींचना चाहती है. ताकि पार्षदों में फूट पड़े. वहीं आप अपनी बात को तो मनवाना चाहती है, लेकिन वो नहीं चाहेगी यह मसला ज्यादा लंबा खिचे.


इस बीच​ दिल्लीवासियों में चर्चा इस बात की भी है कि आखिर दोनों के बीच विवाद की मूल वजह क्या है? लोग भी जानते हैं कि एमसीडी में आप का मेयर और डिप्टी मेयर बनना तय है. फिर​, विवाद क्या है? आइए, हम आपको बताते हैं कि एमसीडी के मसले पर आप और बीजेपी के बीच विवाद की तीन मुख्य वजहें क्या हैं?


ये हैं विवाद की तीन बड़ी वजहें 


1. दिल्ली नगर निगम के लिए एलजी वीके सक्सेना ने 10 एल्डरमैन नियुक्त किए हैं. इस पर आप का आरोप है कि एलजी ने चुनी हुई सरकार को बाईपास कर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बना दिया है, जबकि उपराज्यपाल इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर चुके हैं. 


2. एमसीडी मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का चुनाव कराने का मसला दूसरा सबसे अहम मसला है.आप का कहना है कि सरकार को बाईपास कर एलजी ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है. ऐसा नहीं होना चाहिए. यह पूरी तरह से गलत है. एलजी ने आप के इस आरोप को भी गलत करार दिया है. 


3. एमसीडी विवाद की अंतिम वजह हज कमेटी का गठन है. आप का दावा है ​कि कमेटी में शामिल कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को चेयरमैन बनाने के लिए हज कमेटी में शामिल किया गया है, ताकि कांग्रेस के पार्षद महापौर चुनाव में सदन में वोट न करें. आप का दावा है कि अभी तक दिल्ली की चुनी हुई सरकार की ओर से प्रस्तावित व्यक्ति हज कमेटी का चेयरमैन बनता था. आप इसे बीजेपी की कांग्रेस से डील बता रही है. हालांकि, बीजेपी ने इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. 


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