Rekha Gupta Interview: एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में अब बीजेपी का क्या रुख होगा? मेयर प्रत्याशी रहीं रेखा गुप्ता ने दिया ये जवाब
Rekha Gupta News: एमसीडी मेयर चुनाव में बीजेपी की प्रत्याशी रहीं रेखा गुप्ता कहा कि दिल्ली नगर निगम इलेक्शन में जनता के दिए गए जनादेश का पार्टी ने स्वागत किया. हमें जो मैंडेट मिला, हमने उसे स्वीकारा.
MCD Standing Committee Election: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) में स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव को लेकर घमासान और बयानबाजी लगातार जारी है. बीते दिनों एमसीडी सदन में हुए मारपीट की खबरें इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. बीजेपी (BJP) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने इसको लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाया है. वहीं इस मामले को लेकर एबीपी लाइव ने बीजेपी की मेयर प्रत्याशी रहीं रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) से खास बातचीत की. उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि हमने कहीं से भी संविधान के खिलाफ जाकर कोई आवाज नहीं उठाई है, बल्कि आम आदमी पार्टी के नीतियों और मिले अधिकारों के दुरुपयोग करने का विरोध किया है.
सवाल- एमसीडी चुनाव परिणाम के बाद अब तक की परिस्थितियों को आप कैसे देखती हैं?
जवाब- बीजेपी ने दिल्ली की जनता जनार्दन के दिए गए जनादेश और चुनावी परिणाम का स्वागत किया. हमें जो भी मैंडेट मिला, हमने उसे स्वीकारा, लेकिन सदन की पहली बैठक से लेकर 24 फरवरी तक आम आदमी पार्टी ने अपने मनमानी रवैया को जारी रखा, जिसका बीजेपी ने विरोध किया. इस साल के ठीक पहले वाले चुनाव में संवैधानिक व्यवस्था के तहत जब दिल्ली में तीन मेयर के चुनाव हुए थे, तो मनोनीत सभी पार्षद आम आदमी पार्टी से थे. ठीक वैसे ही परिसीमन के बाद एक मेयर के चुनाव को लेकर 10 मेयर मनोनीत किए गए, जिसका अधिकार उपराज्यपाल को प्राप्त है.
उन्होंने आगे कहा, "आप ने इस मामले को वोटिंग प्रक्रिया से जोड़कर अनावश्यक तूल दिया. मनोनीत पार्षदों के वोटिंग वाले विषय को लेकर सदन की बैठक को बार-बार बाधित करने का प्रयास किया गया, जबकि यह निर्णय प्रोटेम स्पीकर का है. मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद हमने उस आदेश को स्वीकारा और शांतिपूर्ण तरीके से मेयर डिप्टी मेयर का चुनाव संपन्न हुआ, लेकिन इसके बाद भी स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव को लेकर आप से चुनी गई मेयर अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं. चाहे मोबाइल प्रतिबंध की बात हो या फिर तीन-तीन बीजेपी और आप के चुने हुए स्थाई समिति के सदस्यों की बात हो, अपने अनुसार इन निर्णयों को असंवैधानिक तरीके से बदला गया, जिसका हमने विरोध किया. आप को इस बात की बौखलाहट थी कि बीजेपी से कैसे स्थाई समिति के सदस्य चुने जा सकते हैं."
सवाल- एमसीडी सदन की मर्यादा का ख्याल रखने की पहल आपकी तरफ से क्यों नहीं की गई?
जवाब- यह सच है कि इससे पहले हमारी पार्टी बीजेपी ने लगातार तीन बार दिल्ली नगर निगम की जिम्मेदारी संभाली है, लेकिन यह भी देखना होगा कि हमेशा की तरह बीजेपी की विरोधी रही कांग्रेस पार्टी नगर निगम में हमारे विपक्ष में बैठी थी. फिर भी हमारा उनसे सामंजस्य और बेहतर तालमेल रहा, उनसे कभी भी हमारी नोकझोंक नहीं हुई, क्योंकि हमने विचारधारा में विपरीत होते हुए भी सदन की मर्यादा का ख्याल रखा.
उन्होंने आगे कहा, "15 सालों में कभी ऐसा नहीं हुआ कि दिल्ली के इस निचले सदन से कोई भी ऐसी घटना हुई हो, जिसने लोकतंत्र को चोट पहुंचाई हो. बीते दिनों एमसीडी सदन में आप नेताओं की ओर से बीजेपी महिला पार्षदों के कपड़े फाड़े गए, उनसे मारपीट की गई, बोतलें फेंकी गई और हमने इसका विरोध किया. चुनाव दिन में संपन्न कराए जा सकते थे. वह अपने अनुसार परिणाम न आने की वजह से देर रात तक लटकाए गए और पार्षदों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया."
सवाल- एमसीडी की कार्यवाही कैसे चले, बीजेपी का क्या रुख होगा?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक ने दिल्ली के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव में संज्ञान ले लिया है. उनका निर्णय हमेशा की तरह इस बार भी हमें स्वीकार है. हमारे लिए भारतीय संविधान सर्वोपरि है और हम कहीं से भी हिंसा और सदन की कार्यवाही को बाधित करने के पक्ष में नहीं हैं. दिल्ली की जनता के हित के लिए संवैधानिक नियमों से सदन चले न कि किसी पार्टी कार्यालय और व्यक्ति विशेष से, यही हमारा मानना है.
सवाल- शुरुआती दौर में ही एमसीडी में इतना हंगामा हो रहा है, तो अगले 5 सालों के लिए दिल्ली की जनता कैसे उम्मीद करें?
जवाब- हमारे लिए हमेशा से ही राष्ट्र और जनता का हित प्राथमिकता रहा है. पहले भी सदन की कार्यवाही चलने में हमने सहयोग का प्रयास किया और आगे भी सदन अच्छी तरह चलने में सहयोग के लिए पूरी तरह तत्पर हैं. अगर आम आदमी पार्टी अपनी निजी विचारों को जबरदस्ती थोप कर संवैधानिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने का प्रयास करेगी, तो हम इसका पूरा विरोध करेंगे. भारत लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चलने वाला देश है, यहां का संविधान किसी व्यक्ति विशेष के विचारों से कभी भी बदलने वाला नहीं.
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को होने वाले एमसीडी के स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव पर रोक लगा दी है.
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