Delhi MCD Standing Committee Election: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और बीजेपी (BJP) के बीच चली लंबी घमासान की वजह से कई महीनों तक देश की राजधानी मेयर से महरूम रही. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर मेयर का चुनाव हो पाया और दिल्ली को नई मेयर शैली ओबरॉय (Shelly Oberoi) के रूप में मिली. अब छह स्थाई समिति को लेकर फिर से दोनों पार्टियों के बीच खींचतान जारी है. 24 फरवरी को हुए स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव में मेयर शैली ओबेरॉय एक वोट को निरस्त कर रही थीं, जो बीजेपी को मंजूर नहीं था. इसे लेकर आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच हाथापाई तक भी हो गई थी.
मेयर शैली ओबेरॉय ने 27 फरवरी को फिर से चुनाव कराने का निर्देश दिया था, इसके खिलाफ बीजेपी दिल्ली हाईकोर्ट चली गई. हाईकोर्ट ने फिर से चुनाव कराने पर रोक लगा दी थी. इस मामले में अब 22 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इससे पहले सदन में आप के नेता मुकेश गोयल, पार्षद प्रवीण कुमार और प्रेम चौहान ने मेयर को चिट्ठी लिखकर स्थाई समिति के छह सदस्यों का चुनाव कराने की मांग की है.
बीजेपी नेताओं ने पत्र में क्या लिखा?
सूत्रों के मुताबिक तीनों नेताओं की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि मेयर चुनाव नतीजों की घोषणा कर रही थीं. इसी दौरान बीजेपी के पार्षद मेयर के करीब आ गए और कागजों को छीनने का प्रयास किया गया था. इससे जिस निरस्त वोट को लेकर विवाद था, उसकी गोपनीयता भंग हो गई है. ऐसे में पुनः चुनाव कराया जाए. इन तीनों नेताओं ने इसलिए भी चिट्ठी लिखी है, क्योंकि आम आदमी पार्टी की तरफ से स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए ये लोग ही काउंटिंग एजेंट थे.
क्यों हो रहा स्थायी समिति के लिए घमासान?
दरअसल दिल्ली नगर निगम में वित्तीय निर्णय लेने के लिए स्थाई समिति सबसे महत्वपूर्ण समिति है. इसलिए इस पर वर्चस्व बनाने की कोशिश में बीजेपी और आप दोनों लगे हुए हैं. अगर सदन से चुने जाने वाले छह स्थाई समिति के सदस्यों में चार सदस्य आप के जीत जाते हैं, तो समीकरण उसके पक्ष में आ जाएंगे, जबकि बीजेपी अगर तीन सदस्य जिताने में कामयाब रहती है, तो स्थायी समिति पर कब्जा करने का बीजेपी का दावा और मजबूत हो जाएगा.
ये हैं स्थाई समिति के चुनाव के समीकरण
स्थाई समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं, बहुमत के लिए 10 सदस्यों की जरूरत होती है. तकनीकी समिति की रिपोर्ट के हिसाब से बीजेपी सदन से तीन सदस्य जीता चुकी है, हालांकि इसके नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं. जोन में बीजेपी पहले से ही बहुमत में हैं, इसलिए इन चारों जोन से चार सदस्य जीत जाएंगे और एल्डरमैन की नियुक्ति से बीजेपी तीन और अपने सदस्यों को जिताकर 10 सदस्य जुटाकर यहां कब्जा करना चाहती है.
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