MCD स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का फिर टला चुनाव, LG के आदेश पर देर रात तक जारी रहा घमासान, जानें क्यों?
MCD Standing Committee Election: एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव पिछले डेढ़ साल से किसी न किसी वजह से टलता रहा है. 26 सितंबर को चुनाव होना था, लेकिन मेयर ने इसे पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया.
MCD Standing Committee Election Postponed: दिल्ली नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का चुनाव गुरुवार (26 सितंबर) को एक बार फिर नहीं हो पाया. इस बार भी चुनाव आप-बीजेपी के बीच सियासी उठापटक और आरोप-प्रत्यारोप की वजह से पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया. हालांकि, एलजी विनय सक्सेना ने एमसीडी कमिश्नर को आदेश देकर बीती रात 10 बजे से पहले चुनाव हर हाल में कराने का आदेश दिया था.
एलजी का आदेश सामने आने के बाद आप नेता मनीष सिसोदिया ने इस पर सवाल उठाए और पूछा कि ऐसी क्या मजबूरी है कि इस चुनाव को रात के दस बजे एलजी कराना चाहते हैं. इतने कम समय में वो भी रात को सभी पार्षद एमसीडी कैसे पहुंचेगे? इसके बाद चुनाव को अगली तारीख तय होने तक के लिए टाल दिया गया.
एलजी रात में क्यों कराना चाहते थे चुनाव?
दरअसल, गुरुवार को मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का चुनाव आप-बीजेपी के बीच विवाद होने पर पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था. इसके बाद 26 सितंबर को दोनों दलों के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप देर शाम तक जारी रहा. इसके बाद एलजी ने MCD कमिश्नर को रात में ही चुनाव कराने का आदेश दिया.
एलजी के इस आदेश को आम आदमी पार्टी ने गैरकानूनी और गैर संवैधानिक करार दिया. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह दिल्ली में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. ऐसे कौन सी इमरजेंसी है कि एलजी रात में ही चुनाव करने पर आमदा हैं. सिसोदिया के इस रुख के बाद चुनाव को टाल दिया गया.
MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव कराने में समस्या क्या है?
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी को लेकर सबसे अहम बात यह है कि यह निगम की सबसे पावपफुल बॉडी है. एमसीडी की अहम परियोजनाओं का प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी ही करती है. यही वजह है कि एमसीडी का बॉस वही होगा, जिसका इसपर कब्जा होगा.
- एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं. वर्तमान में 17 सदस्य चुन लिए गए हैं. इनमें बीजेपी के नौ और आठ सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं.
- एमसीडी के अंतिम सदस्य का चुनाव करने के लिए 26 सितंबर को चुनाव होना था, लेकिन चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने आप के तीन पार्षदों को अपने पक्ष में कर लिया. साथ ही कांग्रेस के नौ एमसीडी पार्षदों ने चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला लिया. जबकि इससे पहले हुए मेयर के चुनाव में कांग्रेस ने आप का साथ दिया था. ऐसे में संख्या बल के लिहाज से आम आदमी पार्टी कमजोर पड़ती दिखाई दी. संभवत: यही वजह है कि मेयर ने चुनाव को पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया.
- एमसीडी में 250 पार्षद हैं, जिन्हें स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव करना है. इनमें एक पार्षद का इस्तीफा देने की वजह से एमसीडी सदस्यों की संख्या 249 है. कांग्रेस के नौ पार्षदों ने वोट डालने का फैसला नहीं लिया. ऐसे में पार्षदों की संख्या घटकर 240 हो गई. यानी 18वें सदस्य का चुनाव जीतने के लिए 121 वोट निर्णायक हो गया.
- एमसीडी में आप के पास 125 पार्षद हैं और बीजेपी के पास 115. गुरुवार को इस बात की आशंका थी कि आप के कुछ पार्षद चुनाव के दौरान बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. ऐसे में चुनाव होने पर बीजेपी के प्रत्याशी के जीतने की उम्मीद थी. बीजेपी के प्रत्याशी की जीत से स्टैंडिंग कमेटी पर बीजेपी का कब्जा हो जाएगा. यानी मेयर आपका होते हुए हुए भी एमसीडी में बीजेपी की चलेगी.
- इसके बाद देर शाम तक बीजेपी और आप के पार्षद वापस चले गए, लेकिन एलजी ने देर शाम को आदेश दिया कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य का चुनाव आज ही होगा, वो भी रात के दस बजे से पहले. इसके बाद बीजेपी और आप के पार्षद एमसीडी पहुंचने लगे. एमसीडी में अचानक रात के समय चुनाव कराने को लेकर घमासान जारी रहा. इस बीच आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने के संकेत दिए. इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि आज चुनाव नहीं होगा.
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