Delhi News: दिल्ली नगर निगम (MCD) स्कूल के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सोमवार को सिविक सेंटर के गेट नंबर 3 के बाहर धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए हैं. निगम प्रशासन के खिलाफ शिक्षकों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है. शिक्षकों का आरोप है कि उन्हें प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है और एमडीसी के स्कूलों में अधिकारियों की ओर से छापेमारी करने के साथ उन्हें चेतावनी भी दी जा रही है ताकि वे प्रदर्शन न कर पाएं. शिक्षकों का कहना है कि अब यह प्रदर्शन तब तक थमने वाला नहीं है, जब तक कि उनकी सभी मांगों को नहीं मान लिया जाता है. वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं और अब अपनी मांगों को मनवा कर ही दम लेंगे.


शिक्षकों का कहना है कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है. एमसीडी स्कूलों में पहले से ही 6000 शिक्षकों की कमी है. इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. उनका कहना है कि एमसीडी में आप की सरकार बनने के बाद शिक्षकों को लगातार परेशान किया जा रहा है. वहीं प्रदर्शन रोकने को लेकर भी उन्होंने एमसीडी और मेयर पर सवाल उठाए. शिक्षकों का कहना है कि आज उन्हें इसलिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है. इतने सारे छात्र एमसीडी के स्कूल में हैं, इसके बावजूद शिक्षकों की कमी बनी हुई.


मंगलवार को धरने में शामिल होगी बीजेपी


वहीं एमसीडी में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि पिछले लगभग 9 महीनों से हमने एक तरफ दिल्ली की मेयर को वरिष्ठ नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ सीधे आयुक्त को पत्र लिखते देखा है, वहीं दूसरी तरफ मेयर वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव डाल कर कर्मचारियों की ओर से विरोध गतिविधियां और धरना आदि को रोकने के लिए परिपत्र निकलवा रही हैं. इकबाल सिंह ने कहा कि शिक्षकों को उनका समर्थन है और वे मंगलवार को दिल्ली बीजेपी के पार्षद और प्रदेश नेता शिक्षकों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शिक्षकों के धरने में शामिल होंगे.


ये हैं शिक्षकों की मांगें


● शिक्षकों के सभी बकाया दीवाली तक भुगतान किया जाए.
● विद्यालयों में आरटीई 2009 के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात लागू कर के शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं. स्थाई नियुक्ति होने तक अनुबंध शिक्षक नियुक्त किए जाए. वर्तमान में निगम शिक्षकों के 25 प्रतिशत और प्रधानाचार्य के 30 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त हैं जो कि लाखों छात्रों की गुणवत्ता परक शिक्षा में बड़ी बाधा है.
● 3.5 साल से विभाग प्रधानाचार्य पदोन्नति करने में विफल रहा है, संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तैय की जाए.
● छात्रों के लिए स्टेशनरी जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए.
● मिशन बुनियाद की देय अर्जित अवकाश सभी शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में चढ़ाई जाए.
● शिक्षक चार्टर को सख्ती से सभी जोन में लागू किया जाए.
● रिटायर्ड शिक्षकों को कैशलेश सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
● दिल्ली सरकार की तरह रेफरल की आवश्यकता हटाई जाए.
● सभी तरह के औचक निरीक्षण से पहले विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए.
● सफाई कर्मचारी की संख्या छात्रों के दाखिले और कमरों की संख्या के आधार पर तय की जाए.
● डेटा एंट्री ऑपरेटर और सिक्योरिटी गार्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं जाए. सभी विद्यालयों में अटेंडेंट की नियुक्ति की जाए.
● शिक्षक संगठनों की मान्यता को रद्द करने वाला आदेश वापस लिया जाए, पिछले 8 साल से निगम शिक्षा विभाग कर्मचारियों के मौलिक अधिकार (articles(1)a )का हनन हो रहा है, जो कि असहनीय है..
● लगभग 17 साल से स्थाई विद्यालय निरीक्षक की परीक्षा नहीं हुई है, ये पद तुरंत भरे जाएं.
● प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों पर निगम शिक्षकों की परीक्षा के माध्यम से पदोन्नति की जाए. 50 प्रतिशत पर सेवा अनुभव के आधार को रखा जाए.
● प्रधानाचार्य पदोन्नति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार दिव्यांग शिक्षकों को आरक्षण दिया जाए.
● मेंटोर शिक्षकों को हर तीन साल बाद बदला जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा शिक्षक अच्छी ट्रेनिंग पाकर छात्रों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सके.
● प्रधानाचार्य और मेंटोर शिक्षकों को नॉन वोकेशनल स्टाफ घोषित किया जाए.
● प्रत्येक विद्यालय में उप प्रधानचार्य का पद सृजित किया जाए.
● आरटीई के अनुसार निगम विद्यालयों को कक्षा 8वीं तक बढ़ाया जाए ताकि निगम विद्यालय आरटीई के अनुसार छात्रों को 14 साल तक मुफ्त और गुणात्मक शिक्षा दे सकें.
● टीडबल्यूएफ की रकम 10 लाख की जाए.
● शिक्षा और शिक्षक संगठनों की समय-समय पर मीटिंग की जाए ताकि छात्र और शिक्षक हित के कार्यों में शिक्षक संघ अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकें.
● हाजरी ऐप अपने निजी फोन में डाउनलोड न करने पर सैलरी काटने की धमकी से जबरन ऐप डाउनलोड नहीं करवाई जाए.


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